इस नई सुविधा से ईपीएफ खाते से एडवांस लेने में नियोक्ता और ईपीएफओ कार्यालय से सत्यापन की अनिवार्यता भी खत्म कर दी जाएगी। एडवांस या क्लेम फार्म ऑनलाइन सबमिट करते ही चंद पलों में धन अंशधारक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। ईपीएफओ ने देश के सभी 4.50 करोड़ अंशधारकों को खाते से धन निकासी पर लगे बैरियर को खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी है। दिल्ली में वेब पेज का ट्रायल शुरू हो गया है।
इसमें अंशधारक पीएफ खाते की आईडी और कोड नंबर से खुद ऑपरेट करेंगे। ईपीएफओ सीबीटी सदस्य राम किशोर त्रिपाठी का कहना है कि अंशधारकों को खुद पीएफ खाता ऑपरेट के सिस्टम पर दिल्ली में काम शुरू हो गया है। अभी एडवांस और अंतिम भुगतान के लिए ऑनलाइन फार्म भरने पर नियोक्ता से सत्यापन किया जाता है। वेरीफिकेशन रिपोर्ट के आधार पर ईपीएफओ धनराशि अंशधारक के बैंक खाते में भेजता है। इसमें कई-कई बार एक महीने से ज्यादा का समय भी लग जाता है।
पीएफ अंशधारक खुद या परिजन की बीमारी में कभी भी एडवांस ले सकते हैं। भवन निर्माण, शिक्षा और विवाह के लिए सात साल के बाद एडवांस ले सकते हैं। इसके अलावा नौकरी जाने पर 60 दिन बाद अंतिम भुगतान लेने की भी सुविधा दी गई है। उधर, ईपीएफओ ने उमंग पर अपने एप को अपग्रेड किया है। अंशधारक गूगल प्ले स्टोर से उमंग को इंस्टॉल कर सकते हैं। इससे क्लेम फार्म और पीएफ खाते का पूरा ब्योरा मिल सकेगा।