कानपुर से जाने और आने वाली 60 ट्रेनों में सेंट्रल स्टेशन से चेकिंग स्टाफ चलता है। बीते एक साल में इस स्टाफ के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं। विजिलेंस छापे में हर बार शताब्दी के टीटीई दल पर कई आरोप लगाए गए थे। कई यात्रियों ने टिकट कन्फर्म कराने को लेकर टीटीई की भूमिका पर सवाल उठाए थे। इतना ही नई चलती ट्रेन के दौरान टीटीई के व्यवहार को लेकर भी यात्रियों ने आपत्ति जताई थी। इसलिए इस बार मृदुभाषी टीटीई को प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही स्मार्ट चेकिंग दल की तैनाती का खाका तैयार हुआ है।
स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस में तैनाती से पहले नए टीटीई का साक्षात्कार लिया गया और मानकों पर खरा उतरने वालों का सेलेक्शन किया गया। सलीकेदार युवा चेकिंग स्टाफ से रेलवे की छवि भी सुधरेगी और यात्रियों का चेकिंग दल के प्रति भाव भी बदलेगा। रेलवे अफसरों ने बताया कि गर्मी में कानपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस का चेकिंग स्टाफ भी बदला जाएगा। साथ ही कई और ट्रेनों का स्टाफ भी बदलेगा। वहीं, वर्षों से शताब्दी जैसी वीआईपी ट्रेन से टीटीई दल को एकाएक हटाए जाने से उनके बीच हड़कंप मचा है।