15 फरवरी को प्रबल 37 दिन की छुट्टी पर गांव आए थे। छुट्टी के बीच पुलवामा की घटना और सीमा पर सक्रियता बढ़ने से प्रबल को उच्चाधिकारियों का संदेश मिला कि जरूरत पर छुट्टी की अवधि पूरी होने से पहले ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है। प्रबल के पिता ज्ञानेंद्र ने बताया कि इस संदेश के बाद बहू शिवी उर्फ अंकू पति पर नौकरी छोड़कर व्यवसाय करने का दबाव बनाने लगी। प्रबल के इस इंकार और देशसेवा को तरजीह देने की बात कहने से नाखुश शिवी ने अकेले में कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। खुदकुशी से पहले सुसाइड नोट जैसी चिट्ठी भी लिखी, जिसमें खुद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए किसी और को दोषी नहीं ठहराया है। कोतवाल ऋषिकांत शुक्ला ने बताया कि मृतका के फौजी पिता वीरेंद्र सिंह निवासी बैरीताल रसूलाल ने फौजी व उसके परिजनों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि सुसाइड नोट में दहेज उत्पीड़न या प्रताड़ित करने का जिक्र नहीं है, लेकिन मायके पक्ष की जिद केस दर्ज कर विवेचना आरंभ कर दी है।