सट्टा बाजार भाव का गणित अलग तरीके से चलता है। चुनाव में जिसकी जीत की संभावना अधिक होती है उसका भाव कम रहता है। जबकि जिस प्रत्याशी की हार की संभावना होती है उस पर ज्यादा भाव कर दिया जाता है। अगर हारने वाले प्रत्याशी पर कोई पैसा लगाता है और वह जीत जाता है तो उसे ज्याद पैसा मिलता है।
सट्टा बाजार में कांग्रेस पर सबसे ज्यादा भाव लगाया गया है। कांग्रेस पर सबसे अधिक १६-१७ का भाव है। मतलब कांग्रेस प्रत्याशी अगर जीतता है तो एक हजार के बदले १६ या १७ हजार रुपए मिलेंगे। मतदान के पहले कांग्रेस का भाव १२-१४ था।
महानगर सीट पर सटोरियों ने भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी की जीत की उम्मीद है, इसलिए उन पर काफी कम भाव लगा है। अगर पचौरी की जीत होती है तो एक हजार के पांच सौ वापस मिलेंगे और अगर हारते हैं तो एक हजार के दो हजार मिलेंगे। मगर हार की संभावना ना के बराबर है, इसलिए उन पर कोई भाव नहीं लगा रहा है।
सटोरिए अकबरपुर सीट पर भाजपा और महागठबंधन में सीधा मुकाबला मान रहा है। पहले भाजपा सटोरियों की फेवरेट थ पर मतदान के बाद वे गठबंधन पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं। इस समय दोनों पर ४०-६० का भाव है। भाजपा पर एक हजार रुपए लगाने वाले को उसकी जीत पर ४०० और गठबंधन प्रत्याशी की जीत पर ६०० रुपए मिलेंगे।
सट्टा बाजार ने पूरे प्रदेश में भाजपा को ५० सीटे मिलने की आशंका जताई है। भाजपा का भाव एक हजार पर ७५० रुपए है। ५० से अधिक सीटें अगर भाजपा जीतती है तो इस पर दांव लगाने वाले को एक हजार के बदले वापस ७५० रुपए मिलेंगे।