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कानपुर

गोलमाल करने में जीएसटी के अफसर ही निकले खिलाड़ी, जांच में सामने आया खेल

जांच के दौरान अफसरों ने छिपाईं जरूरी जानकारियांअधूरी रिपोर्ट की आड़ में टैक्स चोरी करने वालों को बचाया

कानपुरJun 28, 2019 / 03:46 pm

आलोक पाण्डेय

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गोलमाल करने में जीएसटी के अफसर ही निकले खिलाड़ी, जांच में सामने आया खेल

कानपुर। स्टेट जीएसटी मुख्यालय ने आशंका जताई है कि आधी अधूरी रिपोर्ट के जरिये जांच के बिंदु जानबूझ कर छिपाए जा रहे हैं। इसमें स्टेट जीएसटी के अफसर आगे रहे। जीएसटी मॉनिटरिंग सेल की जांच में यह बात सामने आई है। मुख्यालय ने इसके लिए जोन के उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार माना है।
फर्मों की रिपोर्ट में मिली गड़बड़ी
प्रदेश के विभिन्न जोन से भेजी जाने वाली जांच रिपोर्टों की स्टेट जीएसटी मुख्यालय ने समीक्षा की है। उनमें कानपुर के जोन-1 और जोन-2 की कुछ फर्मों की रिपोर्ट में गड़बडिय़ां मिलीं हैं। स्टेट जीएसटी कमिश्नर अमृता सोनी ने खुद अपनी टिप्पणियों के साथ अफसरों को भविष्य के लिए चेतावनी दी है।
रिपोर्ट में मिला बड़ा अंतर
कुछ प्रकरणों में प्राइमरी रिपोर्ट में लिखी टैक्स चोरी की राशि व फाइनल रिपोर्ट में काफी अंतर है। जीएसटी मॉनिटरिंग सेल की जांच के बाद सामने आया है कि टैक्स चोरी का आंकलन ठोस तथ्यों के आधार पर नहीं किया गया। प्राथमिक और अंतिम रिपोर्ट में भारी अंतर आपत्तिजनक है।
जरूरी जानकारियां छिपाई गईं
दिसंबर 2019 के इन प्रकरणों की जांच रिपोर्ट न्याय निर्णयन अधिकारी को भी नहीं भेजी गई, जबकि तीन माह के अंदर इसे भेज दिया जाना चाहिए। इसी तरह टैक्स चोरी के तरीके और जब्त किए गए माल तक का जिक्र नहीं है। मुख्यालय ने संकेत दिए हैं कि अगली रिपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई तय है।
इन मामलों में मिली गड़बड़ी
मैसर्स ध्रुविका केमिकल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड फर्म पर फरवरी 2019 में छापा पड़ा था। 90 दिन पूरे होने के बाद भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की गई। इतने दिन तक यह नहीं बताया गया कि टैक्स चोरी के लिए कौन जिम्मेदार है। इसे कैसे अंजाम दिया जा रहा था। इसकी रोकथाम के क्या उपाय किए गए? इसी तरह अमेजिंग सिक्योरिटी सर्विसेज के मामले में शीर्षक के अनुरूप सूचनाएं नहीं दी गईं।
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