कानपुर देहात के रसूलाबाद क्षेत्र के सहबाजपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री बेरिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए 18 वर्ष की आयु में ही मैं जेल गया और समाजवादी पार्टी के लिए बहुत ही संघर्ष किये है। जब पार्टी की स्थापना हुई, तब मैं पार्टी का संस्थापक सदस्य था, लेकिन समाजवादी पार्टी के पितामह मुलायम सिंह यादव के राजनीति से निष्क्रिय होने के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा शुरू हो गई। फोटोबाजों, दलाल व चाटुकार नेताओं की बयार आ गई। झींझक में हुई घटना से मेरा कोई सरोकार नहीं था। इसके बावजूद मुझे पार्टी से निकाल दिया गया।
मैं जनता द्वारा ही चुनकर आया हूं। तो मैं अगर समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया हूं तो मैं अकेले फैसला कैसे कर सकता हूँ। जनता जो कहेगी, मैं वह करूंगा। उमड़े समूह ने बताया कि हम आपके साथ हैं। पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि समूचे क्षेत्र व आसपास कानपुर नगर, ग्रामीण व देहात में जाकर कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर राय मशवरा कर कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने बताया कि सत्ता में रहकर मेरा सिर्फ दोष यह था कि मैंने जातिवाद को बढ़ावा नही दिया। हर व्यक्ति किसी जाति से पहले इंसान है, मैंने सर्व समाज की सुनी और इंसानों की मदद की। दलालों और चाटुकार नेताओं को दलाली चलने नहीं दी। जो शराब बेचते थे और रात में पेड़ कटवाते थे, उन्हीं लोगों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के कान भरे हैं। यह नेता कभी भी पार्टी के हित में नहीं दिखे और इनको चुनावों में हमने कई बार पटखनी दी।
जिस प्रकार से मुझे पार्टी से निकाला गया, उससे लोकतंत्र की हत्या हुई है। जरायम करने वाले लोग पार्टी में पैर पसार रहे हैं। उन्होंने बताया मैं पार्टी में रहूं या न रहूं जनता की सेवा करता था, करता हूं और करता रहूंगा। जहां रहूंगा आपका सम्मान मेरे लिए सर्वोपरि होगा। मैंने राजनीति को धर्म माना, पेशा नही। वही पेशेवर लोग मेरी राजनीति खत्म करने पर अमादा है, लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नही होंगे। आपकी ताकत मुझे मजबूती देगी, लेकिन एक अनुरोध है कि लोकतंत्र के हत्यारों को सजा जरूर दें। इस मौके पर रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र के कई समाजवादी पार्टी के नेता, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य सहित हजारों हजार की संख्या में उनके समर्थक व कार्यकर्ता मौजूद थे। उमड़ा जनसमूह देखने काबिल था।