पांच दिन से चल रहा था इलाज नौबस्ता निवासी रमेश के पुत्र
रजनीकांत बुधवार को सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गए थे। रजनीकांत के मामा उन्हें इलाज के लिए पांच दिन पहले स्वरूप नगर स्थित रमाशिव हॉस्पिटल में एडमिट करवाया था। रविवार देर रात तक राजनीकांत की हालत ठीक थी और सोमवार सुबह जैसे ही नर्स ने इंजेक्शन लगाया, वैसे ही वो तड़पने लगा। मरीज की हालत देख नर्स मौके से भाग गई। परिजनों ने डॉक्टरों को जानकारी दी। डॉक्टरों के आने से पहले ही रजनीकांत ने दम तोड़ दिया। इससे गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा शुरू कर दिया। मृतक के मामा अनिल कुमार दुबे ने बताया कि नर्स ने भांजे को ओवरडोज इंजेक्शन लगाया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। अनिल ने आरोप लगाते हुए बताया कि रविवार से कोई डॉक्टर भांजे को देखने नहीं आया। दवा और इजेंक्शन सहित पूरा इलाज नर्स कर रही थीं।
इंजेक्शन लगते ही तड़पने लगा भांजा मृतक की मामी का आरोप है कि नर्स जब इंजेक्शन लगा रही थी तो हमने उसे टोका कि इंजेक्शन ओवरडोज न हो जाए, लेकिन वह नहीं मानी। साथ ही जब भांजा की हालत खराब होने पर हमने डॉक्टरों से गुहार लगाई, तो उन्होंने हमें भगा दिया। भांजे के इलाज जो डॉक्टर कर रहे थे, वो कल से नहीं आए। वर्षा ने कहा कि हमरा भांजा सड़क हादसे में घायल हुआ था। हम उसे हैलट ले गएए लेकिन डॉक्टरों ने वहां एडमिट न कर रमाशिव हॉस्पिटल भेज दिया।
रिपोर्ट आने के बाद आएगी सच्चाई रमाशिव हॉस्पिटल के डॉक्टर एके सिंह का कहना है कि जब यह मरीज आया था, तब काफी सीरियस था, जिसका इलाज किया गया और वह ठीक हो गया था। सुबह एंटी बाइटिक इंजेक्शन लगाया गया, जिससे लगता है की रियेक्शन हो गया, जिससे मौत हुई है। डॉक्टर का कहना है कि चार दिनों से एक ही इंजेक्शन लगाया जा रहा था, अब कैसे रियेक्शन हुआ इसका पता तो पोस्टमार्टम होने के बाद ही चलेगा। वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।