scriptशहर में हरियाली तीज की धूम, गाए जा रहे कजरी गीत | swing folklore and fair with money hariyali teej in kanpur hindi news | Patrika News
कानपुर

शहर में हरियाली तीज की धूम, गाए जा रहे कजरी गीत

कनपुर में कई महिला समिति मना रहीं पर्व, सोमवार को पति की लंबी आयु के लिए रखेंगी वृत

कानपुरAug 12, 2018 / 03:11 pm

Vinod Nigam

swing folklore and fair with money hariyali teej in kanpur hindi news

शहर में हरियाली तीज की धूम, गाए जा रहे कजरी गीत

कानपुर। प्रेम और उत्साह के प्रतीक सावन के माह में कई बड़े त्योहार आते हैं, जिन्हें लोग बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं। इन्हीं में एक हरियाली तीज है, जिसे विवाहित महिलाओं के अलावा कुंवारी लड़कियां भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए व्रत रख तीज महोत्सव बेहद उल्लासपूर्वक से मनाती हैं। इस बार 13 अगस्त यानि सोमवार को पड़ रहा है। जिसके चलते क्षत्रिय महिला समिति की महिलाओं ने शनिवार की शाम तीज महोत्सव में संस्कृतिक कार्यक्रम किए। महिलाओं ने कजरी गीत गुनगनाए तो लड़कियों ने देशभक्ति तराने सुना लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, इसमें प्रथम स्थान पर परूल, दूसरे पर ऊर्षा तो तीसरे पर हेमा रहीं। ताज क्वीन शशि और ऊषा बनीं।

कजरी गीत गुन-गुना रहीं
कहते हैं कि सावन का महिने में भगवान शिव पृथ्वीलोक में रहते हैं और जो भी भक्त उनकी पूजा-अराधना करता है उसकी मन्नत भोले पूरी करते हैं। इसी के चलते शहर के शिवालयों में बम-बम भोले की जयकारे लग रहे हैं तो वहीं महिलाएं व लड़कियां तीज पर्व को मनाने के लिए सज-धज रही हैं। तीज महोत्सव के कार्यक्रम भी कई जगह हो रहे हैं, जहां सुहागिनें झूला झूल कर कजरी गीत गुन-गुना रही हैं। जिन युवतियों की शादी कुछ ूमाह पहले हुई है, वो अपने मायके जाकर झूला झूल कर तीज पर्व में सरोबोर हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने हरियाली तीज के दिन ही पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस त्योहार के नाम के अनुरूप ही हरी चूड़ियां, हरे कपड़े और मेंहदी का विशेष महत्व होता है।

फिल्मी गीत और डांस कर मनाई तीज
शहर के मॉडल टॉउन में क्षत्रीय महिला समित की महिलाओं ने हरियाली तीज उत्सव मनाया। इस अवसर पर सभी महिलाओं ने फिल्मी गीतों पर डांस किया, झूला भी झूला और सावन के गीत गाए। आखिर में एक दूसरे के हाथ में मेहंदी लगाई। वहीं अग्रसेन महिला समित ने हरियाली अमावस्या पर फूलबाग के एक होटल में तीजोत्सव मनाया। इसमें बॉलीबुड की थीम पर महिलाएं फिल्म कलाकारों के वेश में आई थीं। किसी ने राजेश खन्ना बनकर कांटा लगा न कंक्कड़, पर अपना जलवा दिखाया, तो किसी ने अमितभ बच्चन के गाने खाइए के पान बनारस पर मनमोहक अदाओं से लोगों की तालियां बटारीं।

आधुनिक हुई तीज
डीजी कॉलेज समाजशास्त्र की प्रोफेसर दीवाली सक्सेना ने बताया कि तीज में भगवान शिव और पार्वती की आराधना होती है, लेकिन अब पर्व को मनाने के तरीकों में थोड़ा बदलाव हो गया है। लोग आधुनिकता के साथ तीज महोत्सव मनानें लगे हैं। कहती हैं, हरियाली तीज का विशेष महत्व है। इसमें भगवान शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा कहते हैं कि मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें तीज के दिन दर्शन दिए थे। तब से शिव-पार्वती के पूर्वामिलन के रूप में मनाया जाता है। बताती हैं, सावन के माह में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए, इससे उन्हें अच्छा वर मिलता है।

कुछ इस तरह से कर रही तैयारीं
आजाद नगर निवासी संगीता सिंज जो पेशे से टीचर हैं ने बताया कि हरियाली तीज का पर्व श्रंगार से जुड़ा हुआ है। इस दिन की तैयारी काफी पहले से शुरू करनी होती है। मैंने चूड़ी, कपड़े और जूलरी की शॉपिंग कर ली है। कल मेहंदी लगवाऊंगी और भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा कर पति की दीर्घायु की मन्नत मांगूगी। वहीं विष्णुपुरी निवासी रागिनी शुक्ला ने बताया कि सावन के महीने का यह प्रमुख त्योहार है, जो कि प्रेम और उल्लास के लिए जाना जाता है। हमारा क्लब हर बार की तरह बड़ा आयोजन तीज त्योहर के दिप करेगा, जिसमे सैकड़ों महिलाएं शामिल होंगी। इसकी तैयारी हम एक सप्ताह से कर रहे हैं। इस बार तीज पर्व के दिन हम महिलाएं पतियों के लंबी उम्र के साथ ही देश की सरहद में पहरा दे रहे सैनिकों के लिए भगवान शिव से मन्नत मांगेगे।

108 बार मां पार्वती ने लिया था जन्म
रागिनी शुक्ला ने बताया कि देवी पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए वर्षों तक तपस्या की थी। इसके लिए माता पार्वती को 108 बार जन्म लेना पड़ा था। तब जाकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। तभी से इस व्रत को मनाने की परंपरा है। बताती हैं, हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास करती हैं। साथ ही इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिनमें हरी साड़ी और हरी चूड़ियों का विशेष महत्व है। दिन-भर महिलाएं तीज के गीत गाती हैं और नाचती हैं। हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी विधान हैं। महिलाएं अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं। कई जगह पति के साथ झूला झूलने की भी परंपरा है। शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिनों को श्रृंगार का सामान भेंट किया जाता है। खासकर घर के बड़े-बुजुर्ग या सास-ससुर बहू को श्रृंगार दान देते हैं.

Home / Kanpur / शहर में हरियाली तीज की धूम, गाए जा रहे कजरी गीत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो