सबसे कारगर इलाज
बांझपन के इलाज के लिए कई तरह की दवाओं और कई तरह की प्रक्रिया का इस्तेमाल होता है, मगर नई खोज में प्लेटलेट रिच प्लाज्मा बेहद कारगर साबित हो रहा है। पुरुष बांझपन और महिला बांझपन दोनों में प्लेटलेट रिच प्लाज्मा का प्रत्यारोपण किया जा सकता है। डॉ. जीके मिश्र बताया कि बांझपन की बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों में समान रूप से पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बांझपन बड़ी समस्या तो बन रही है मगर इलाज भी संभव हो रहा है। जरूरत बेहतर डायग्नोसिस और समय से इलाज शुरू करना है। फॉग्सी की कानपुर नगर अध्यक्ष डॉ. नीलम मिश्र ने महिलाओं में बांझपन की वजह बन रही इंडोमेर्टिआसिस बीमारी के इलाज की विभिन्न तकनीकी और रिसर्च के बारे में जानकारी साझा की।
बांझपन के इलाज के लिए कई तरह की दवाओं और कई तरह की प्रक्रिया का इस्तेमाल होता है, मगर नई खोज में प्लेटलेट रिच प्लाज्मा बेहद कारगर साबित हो रहा है। पुरुष बांझपन और महिला बांझपन दोनों में प्लेटलेट रिच प्लाज्मा का प्रत्यारोपण किया जा सकता है। डॉ. जीके मिश्र बताया कि बांझपन की बीमारी पुरुषों और महिलाओं दोनों में समान रूप से पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बांझपन बड़ी समस्या तो बन रही है मगर इलाज भी संभव हो रहा है। जरूरत बेहतर डायग्नोसिस और समय से इलाज शुरू करना है। फॉग्सी की कानपुर नगर अध्यक्ष डॉ. नीलम मिश्र ने महिलाओं में बांझपन की वजह बन रही इंडोमेर्टिआसिस बीमारी के इलाज की विभिन्न तकनीकी और रिसर्च के बारे में जानकारी साझा की।
इंडोमेर्टिआसिस से पीडि़त हो रही महिलाएं
खान-पान,जीवनशैली और तनाव की वजह से इंडोमेर्टिआसिस बीमारी महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। इस बीमारी में मासिक धर्म के दौरान दर्द होना, यौन संबंध बनाते समय दर्द होना जैसे प्रमुख लक्षण इस बीमारी के कारण दिखाई पड़ते हैं। इसके अलावा पीठ में दर्द, कंधों में दर्द और जांघों में भी तेज दर्द होता है। डायरिया, कब्ज, सूजन और यूरिन में खून निकलने जैसे लक्षण भी इसी से जुड़े हुए हैं। सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इस बीमारी से ग्रस्त महिला गर्भवती होने में समस्या खड़ी होती है। इलाज से बीमारी ठीक हो जाती है। महिलाएं गर्भधारण भी कर सकती है। यह बीमारी कामकाजी महिलाओं में सबसे अधिक देखी जा रही है क्योंकि उनकी दिनचर्या अनियमित होती है। तनाव भी इस बीमारी का बड़ा कारण है। मगर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ कामकाजी महिलाओं को यह बीमारी होती है। सामान्य महिलाएं भी इससे पीडि़त हो सकती है।