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कानपुर

१० लाख की आबादी के लिए नासूर बन गया चार किलोमीटर का जाम

नौबस्ता चौराहे से गल्लामंडी तक जाने में छूट जाते पसीने
अवैध कट और अतिक्रमण के चलते दिन भर रहती मुसीबत

कानपुरDec 20, 2018 / 12:22 pm

आलोक पाण्डेय

jaam

१० लाख की आबादी के लिए नासूर बन गया चार किलोमीटर का जाम

कानपुर। नौबस्ता चौराहे से गल्लामंडी तक जाने से पहले चार बार सोचना पड़ता है, कि समय पर जा पाएंगे या नहीं। इस चार किलोमीटर की दूरी में सुबह होते ही जाम लग जाता है जो दिन भर राहगीरों और वाहन चालकों की नाक में दम किए रहता है। दिन भर कारों, ट्रकों और बसों की लाइनें लोगों को परेशान कर देती है। कानपुर दक्षिण में रहने वाले करीब १० लाख लोग हर दिन इस समस्या से दो-चार होते हैं। कहने-सुनने में यह समस्या भले ही इतनी बड़ी न लगे, लेकिन जो इस जाम में बार-बार फंसता है, उसके लिए यह मुसीबत है।
यातायात की अव्यवस्था मुख्य वजह
हाईवे पर वाहनों को व्यवस्थित तरीके से निकालने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिस कारण यह समस्या है। चाहे पुलिस हो, जिला प्रशासन या हाईवे अथॉरिटी, किसी को इससे मतलब नहीं है। हाईवे होने की वजह से वाहनों का दबाव भरपूर है, लेकिन ट्रैफिक रूल्स का पालन न होने से यह समस्या बड़ी हो जाती है। जहां हर घंटे में चार से छह हजार वाहन गुजरते हों, वहां इस तरह की लापरवाही समझ में नहीं आती।
बुंदेलखंड से आने जाने वाले ट्रक लगाते लंबी लाइन
खनन का काम होने की वजह से बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट आदि जिलों से आने-जाने वाले ट्रकों के लिए भी यही रूट है, जिससे वाहनों का अतिरिक्त लोड बढ़ जाता है। इसके अलावा गल्लामंडी होने की वजह से भी लोडिंग-अनलोडिंग का काम होता है। जिससे जाम की स्थिति पैदा होती है।
फ्लाईओवर की जरूरत
स्थानीय लोगों के मुताबिक नौबस्ता चौराहे से राजीव पेट्रोल पंप तक फ्लाईओवर बन जाए तो समस्या काफी कम हो सकती है। इससे आबादी और मार्केट एरिया में वाहनों का दबाव कम हो जाएगा और जाम की समस्या से भी कुछ हद तक राहत मिलेगी।
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