जून 2019 तक पूरा करना होगा अधूरा काम गौरतलब है कि 20 नवंबर 2016 में पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के बेपटरी होने के बाद रेलवे बोर्ड ने कानपुर-झांसी ट्रैक को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर शुरू किया है, अलबत्ता ट्रैक दोहरीकरण का काम वर्ष 2014-2015 के
रेल बजट में तय कर दिया गया था। फिलहाल काम की रफ्तार सुस्त है। अभी तक सिर्फ 23 फीसदी काम हुआ है। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने जून 2019 तक किसी भी कीमत पर काम को खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है।
तीन चरणों में पूरा करेंगे ट्रैक दोहरीकरण का काम ट्रैक दोहरीकरण और पुराने ट्रैक को दुरुस्त करने का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। ठेकेदार फर्म को 60-60 किलोमीटर के ब्लॉक बनाकर अलग-अलग टीमों से काम कराने को कहा गया है। कानपुर के रेल अफसरों के मुताबिक, ट्रैक दोहरीकरण की स्वीकृति 2014-2015 के रेल बजट में हुई थी, लेकिन बजट आवंटन सही तरह से न होने की वजह से काम की रफ्तार सुस्त थी। करीब सवा साल पहले इसी लाइन पर हुए पुखरायां हादसे के बाद रेललाइन दोहरीकरण काम को जल्द पूरा कराने की तैयारी है। इसी कारण रेलवे बोर्ड ने समयावधि को तय करने के साथ ही बजट में तीन सौ करोड़ रुपए से अधिक आवंटित करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया है।
पुष्पक समेत आठ ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी कानपुर-झांसी ट्रैक के दुरुस्त होने के बाद लखनऊ से चलकर कानपुर के रास्ते मुंबई पहुंचने वाली आठ ट्रेन की रफ्तार तेज होगी। पुष्पक भी 20 घंटे के वक्त में मुंबई पहुंचेगी, जबकि 23 घंटे का सफर करने वाली अन्य ट्रेन भी 21 घंटे में मुंबई पहुंच जाएंगी। इसके अतिरिक्त कानपुर-झांसी के रास्ते दक्षिण भारत को जाने वाली अन्य रेलगाडिय़ां भी दो -ढाई घंटे कम के सफर में मंजिल तक पहुंच जाएंगी।
पुखरायां हादसे के बाद जागे थे रेलवे के अफसर 20 नवंबर 2016 को पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ था। सीआरएस जांच में यह बात सामने आई थी कि कानपुर से झांसी तक का रेलवे ट्रैक जर्जर यानी कि जंग लगी पटरियां हैं। सीआरएस की रिपोर्ट पर रेलवे ने फौरी तौर पर भीमसेन से झांसी तक 22 स्थानों पर कॉशन लगा दिया था। इस ट्रैक को अब दोहरीकरण के लिए रेलवे बोर्ड सजग हुआ है। गौरतलब है कि कानपुर-झांसी सिंगल रूट जर्जर है। अब जल्द ही दूसरा नया ट्रैक हो जाएगा। इसके चलते जर्जर ट्रैक पर ट्रेनों का लोड कम होगा।