राज्य सरकार के संबंधित विभागों से स्पष्ट कहा गया है कि ट्रकों के परिवहन के लिए विशेष पास की जरूरत नहीं है। ड्राइवरों का लाइसेंस ही मान्य होगा। इससे लॉकडाउन के बाद कारोबार को पटरी पर लाने में काफी मदद मिलेगी। इसके लिए सबसे जरूरी सडक़ परिवहन को लेकर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। कानपुर में ही करीब 30 हजार ट्रक हैं, जिसमें से 3500 सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। आरटीओ, स्टेट जीएसटी,सेंट्रल जीएसटी सहित सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। ट्रकों को नहीं रोका जाएगा।
एक ट्रक में दो ड्राइवर और एक हेल्पर ही मान्य होंगे। उनका ड्राइविंग लाइसेंस ही पास के रूप में माना जाएगा। खास बात ये है कि खाली ट्रक को भी नहीं रोका जाएगा। अगर किसी ट्रक चालक ने सवारियोंं को बिठाया तो पकड़े जाने पर तगड़ा जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सवारियों को बिठाने पर रोक लगाई गई है।
यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसो. के अध्यक्ष सतीश गांधी ने कहा कि सरकार का ये फैसला अच्छा है। ट्रकों को सीज करने के भय से उन्हें कम उतारा जा रहा था। अब एक हफ्ते में कम से कम आठ हजार ट्रक सडक़ पर दौडऩे लगेंगे। गांव या अपने घर चले गए ड्राइवरों को बुलाया जा रहा है।