विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त पुलिस की गाड़ी रास्ते में पलट गई थी। पुलिस का कहना था कि इसका फायदा उठाकर विकास दुबे हमला करते हुए भागने लगा। इस पर जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज डॉ बीएस चौहान कर रहे थे। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल व यूपी के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता थे आयोग के सदस्य थे। आयोग ने साक्ष्यों के आधार पर एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम को क्लीन चिट दे दी है।
जांच आयोग ने यह भी कहा कि स्थानीय संरक्षण मिलने के कारण विकास दुबे का नाम जिले के टॉप दस अपराधियों की लिस्ट में नहीं, बल्कि केवल सर्कल के टॉप दस अपराधियों की सूची में था, जबकि उसके खिलाफ 64 आपराधिक मामले दर्ज थे।