होटल से लेकर अस्पताल में लगाए हैं करोड़ों शहर के करीब दर्जन से अधिक कारोबारी विकास से रुपया लेकर कारोबार कर रहे हैं। यह रुपया अस्पताल, होटल, रेस्टोरेंट और बारातघरों पर लगा है। यह भी तथ्य सामने आये हैं कि करीब 25 करोड़ रुपया खुद जय बाजपेयी कारोबार के लिए विकास से लिए थे। ये वो लोग हैं जो सीधे तौर पर अपराध के नाम पर विकास से जुड़े थे। ये विकास के रुपयों से बड़ा कारोबार करते थे और इसके बदले में विकास को ब्याज मिलता था। इसके साथ ही इसका भी खुलासा हुआ है कि जय बाजपेयी दो फीसदी ब्याज पर रुपया लेकर पांच फीसदी ब्याज में कारोबारियों को देता था। विकास और जय बाजपेयी की एक-एक संपत्ति की प्रमाणिक तरीके से जांच की जा रही है। कितना पैसा कहां किसके द्वारा लगाया गया, इन सब की जांच जारी है।
सरकार ने मांगी 29 बंदूक के लाइसेंस की फाइल शासन ने विकास दुबे और उसके साथियों को जारी किए गए असलहों की फाइलें तलब की हैं। सभी फाइलों की फोटोकॉपी कर शासन को भेजी गई। विकास दुबे, उसके साथियों व परिचित को 29 असलहा लाइसेंस जारी हुए थे। इनमें से कई का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। विकास का लाइसेंस 2004 में रद्द कर दिया गया था। बहू अंजलि दुबे का लाइसेंस निरस्त होने के बाद फिर बहाल कर दिया गया था। वहीं विकास के खास रहे फंड मैनेजर जय बाजपेई निरस्त लाइसेंस रखकर चल रहा था, जबकि इसके रिव्यु पर सुनवाई डीएम कोर्ट में चल रही है।
शासन ने असलहा लाइसेंस समेत इनसे जुड़ी फाइलों की फोटोकॉपी मांगी है। लाइसेंस रद्द होने व कई मुकदमे होने के बाद भी लाइसेंस चलाने की स्वीकृति को लेकर शासन उन अफसरों पर शिकंजा कसेगा जिन्होंने इस काम में विकास व उसके साथियों की मदद की हो। बता दें कि विकास दुबे व उसके करीबियों पर कई-कई मुकदमे होने के बावजूद असलहा लाइसेंस स्वीकृत किया गया। हत्या के मामले में आरोपित दीपक दुबे तक के पास लाइसेंस है। इसलिए चरित्र सत्यापन व लाइसेंस मंजूर करने वालों पर कार्रवाई की जा सकती है। लाइसेंस फॉर्म पर रिपोर्ट लगाने वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है। एसआईटी भी बार-बार इतनी बड़ी संख्या में लाइसेंस स्वीकृति को लेकर अफसरों से सवाल-जवाब कर चुकी है।