लंबे समय से कानपुर से बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद के लिए सीधी ट्रेन चलाने की मांग हो रही थी, अब वाशिंग लाइन बनने के बाद इन स्थानों के लिए नई सीधी ट्रेन चलाई जा सकती है। न्यू कोचिंग कांप्लेक्स के प्रभारी अधिकारी एस अवस्थी ने बताया कि इस लाइन के बनने के बाद तीन और ट्रेनों का एक दिन में मेंटीनेंस हो सकता है। अगले साल तक चौथी वाशिंग लाइन बन भी जाएगी। अब कानपुर में दो स्थानों पर वाशिंग लाइनें हैं। पुरानी झकरकटी और नई वाशिंग लाइन पुराना सेंट्रल स्टेशन के पास है।
लखनऊ, कानपुर से दिल्ली या गाजियाबाद के भाड़े को लेकर आईआरसीटीसी के अफसर मंथन में जुटे हैं। आईआरसीटीसी के अफसरों ने बताया कि 4 या 5 अक्तूबर को ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। यह पहली ऐसी ट्रेन होगी, जिसकी टिकट बुकिंग से लेकर खानपान तक की सारी जिम्मेदारी रेल टूरिज्म एंड कैटरिंग कारपोरेशन की होगी। केवल परिचालन का जिम्मा रेलवे के अधीन है। तेजस की आखिरी की दस सीटों का किराया महंगा हो सकता है। अफसरों का दावा है कि लगभग दस फीसदी किराया स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस से अधिक होगा।
फ्लाइट तर्ज पर भी आवंटित होंगी सीटें
रेल टूरिज्म एंड कैटरिंग कारपोरेशन के अफसरों ने बताया कि लखनऊ से दिल्ली वाया कानपुर चलने वाली तेजस की दस फीसदी सीटें फ्लाइट की तर्ज पर आवंटित होंगी। कुल मिलाकर फ्लैक्सी फेयर किराया इन सीटों पर सफर करने के लिए देना होगा। इसकी वजह से कानपुर से दिल्ली एसी चेयरकार का किराया दो हजार रुपए तक हो सकता है। आईआरसीटीसी, लखनऊ के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्वनी श्रीवास्तव ने बताया कि तेजस को 4 या 5 अक्तूबर से चलाने का प्रस्ताव लखनऊ रीजन से शुक्रवार को भेज दिया गया है। इस पर रेलवे बोर्ड ने सहमति नहीं दी है। इस ट्रेन को अभी दो अक्तूबर से चलाने की तैयारी थी। रेलवे से हरी झंडी मिलते ही ट्रेन के चलाने का एनाउंसमेंट व बुकिंग शुरू कर दी जाएगी।