रिचा के अधिवक्ता और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ऋषभ राज ने लेखक और निर्माता-निर्देशक के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय ट्रिब्युनल के रजिस्ट्रार प्रसून जोशी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टीफिकेशन के चेयरपर्सन और इंडिया मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन को भी नोटिस भेजकर प्रकाशन व प्रसारण की अनुमति न देने की मांग की है। बताया गया कि नोटिस में संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्ति को मिली जीवन जीने की स्वतंत्रता के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा गया है कि बिना विकास दुबे या उनकी पत्नी की सहमति के किताब का प्रकाशन या फिल्म का प्रसारण गैर कानूनी है।
उनके मुताबिक किताब व बायोपिक में विकास से संबंधित झूठे व मनगढ़ंत तथ्यों को पेश कर रिचा व उसके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वहीं रिचा पर 50 लाख रुपए में प्रकाशन व प्रसारण के अधिकार बेचने की अफवाह भी उड़ाई जा रही है। इसके चलते फिल्म में विकास का किरदार निभा रहे मनीष गोयल, रिचा दुबे का किरदार निभा रही अनुराधा मुखर्जी, फिल्म के लेखक सुबोध पांडे के अलावा फिल्म से संबंधित दर्जन भर लोगों को नोटिस भेजी गई है।