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कानपुर

करवाचौथ पर ८७ साल बाद यह खास संयोग, वैवाहिक जीवन पर होगा यह असर

गुरु और रोहिणी नक्षत्र का संयोग, बनेगा मार्कंडेय और सत्यभासा योग

कानपुरOct 15, 2019 / 01:16 pm

आलोक पाण्डेय

करवाचौथ पर ८७ साल बाद यह खास संयोग, वैवाहिक जीवन पर होगा यह असर

करवाचौथ पर ८७ साल बाद यह खास संयोग, वैवाहिक जीवन पर होगा यह असर

कानपुर। इस बार का करवाचौथ विवाहित महिलाओं के लिए खास होगा। खासतौर पर उन जोड़ों के लिए, जिनका विवाह हाल के कुछ वर्षों में ही हुआ है। इन नए-नवेले जोड़ों के लिए इस बार का करवाचौथ विशेष संयोग लेकर आया है। यह संयोग ८७ साल बाद पड़ेगा, जिसमें पूजा करने से वैवाहिक जीवन के संकट दूर होंगे। करवाचौथ में इस बार गुरु और रोहिणी नक्षत्र का विशेष योग बन रहा है। करवाचौथ 17 अक्तूूबर दिन गुरुवार को है। महिलाएं व्रत रखकर शिव परिवार की पूजा अर्चना कर चंद्रमा के दर्शन कर पति की दीर्घायु और खुशहाली की कामना करेंगी। पूजा मुहूर्त शाम 05:35 बजे से 06:51 बजे तक व्रत समय सुबह 06:12 बजे से 08:07 बजे तक बताया गया है।
गुरु का संयोग देगा विशेष फल
आचार्य पंडित ब्रह्म दत्त द्विवेदी का कहना है कि करवाचौथ विवाहित महिलाओं के लिए खास पर्व है। इस साल गुरु का संयोग भी विशेष है। महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय की पूजा कर व्रत रखेंगी। पंडित मनोज कुमार द्विवेदी का कहना है कि करवाचौथ का दिन करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक मिट्टी के पात्र को कहते हैं। इस पात्र से चन्द्रमा को जल अर्पण किया जाता है। इसके बाद व्रत का परायण किया जाता है। ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान देने का भी महत्व है।
इस दिशा में रहकर करें दर्शन और पूजन
करवाचौथ पर चंद्र दर्शन और पूजन के समय दिशा का खास ख्याल रखें। करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और चंद्र दर्शन के बाद परायण होता है। चंद्रोदय से पहले शिव परिवार का पूजन होता है। पूजन के समय देव प्रतिमा का मुख पश्चिम और स्त्री का मुख पूर्व की ओर होना चाहिए।

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