हैकर ने ३० मार्च को सिविल लाइंस में रुद्र रियल एस्टेट कंपनी के एकाउंट सेक्शन का डेटा हैक कर ई-मेल पर फिरौती के रूप में बिटकॉइन मांगी थी। इस मामले में पुलिस तीन महीने से साइबर हैकर तक पहुंचने की कोशिश में लगी थी पर याहू के आयरलैंड स्थित हेडक्वार्टर ने इस संबंध में निजिता का अधिकार का हवाला देकर किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में पुलिस को ये पता नहीं चल सका कि डेटा कहां से हैक हुआ और ई-मेल किसने और कहां से भेजा।
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर जगदीश ने बताया कि जो ई-मेल आया था, उसका आईपी एड्रेस समेत भेजने वाली की जानकारी याहू से मांगी गई थी लेकिन कोई भी जानकारी नहीं दी गई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब तक याहू को पांच बार ई-मेल भेजा, लेकिन सही जवाब नहीं मिला। इस संबंध में साइबर सेल कानपुर व लखनऊ ने भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया, पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इंस्पेक्टर जगदीश यादव ने बताया कि इस वजह से जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।
रिपोर्ट दर्ज हुए तीन महीने बीत चुके हैं और जांच जहंा की तहां अटकी है। साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा ने बताया कि इस मामले में ई-मेल करने वाले का आईपी एड्रेस और मेल पर रजिस्टर मोबाइल नंबर का पता होना बेहद जरूरी है। इसी की मदद से हैकर को ट्रेस किया जा सकता है। यह जानकारी सिर्फ याहू दे सकता है। पुलिस अन्य किसी स्रोत से यह जानकारी नहीं जुटा सकती है। लिहाजा पुलिस अब इसमें फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी में है।