जिन किसानों के पास धान की फसल है, उन्हें तो काफी राहत दिख रही है, लेकिन जिनके खेत में अन्य फसलें हैं उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। वैसे हर साल बारिश के दिनों में भोगनीपुर, सिकंदरा, राजपुर, मूसानगर क्षेत्र के गांवों में रिद और यमुना का पानी बढ़ने से भराव हो जाता है। इस बार जुलाई माह में तो पानी सामान्य था लेकिन अगस्त माह आधा समाप्त होते-होते एक बार फिर बाढ़ का संकट नजर आने लगा है। इस समय ग्राम चपरघटा से आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाली दो सड़कों में पानी भर गया है। यहां एक सड़क ग्राम आढ़न पथार को जाती है तथा दूसरी सड़क पड़ाव कुम्हापुर, सिहारी को जाती है।
इस समय दोनों सड़कों पर पानी भर जाने से यहां लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। पड़ाव कुम्हापुर को गई सड़क पर पांच फिट ऊंचाई से पानी बह रहा है। जहां नाव से आवागमन हो रहा है। तथा आढ़न पथार को गई सड़क पर दो फिट ऊंचाई पर पानी बह रहा है। ग्राम मुसरिया, नगीना, चपरघटा, आढ़न पड़ाव, कुम्हापुर, कृपालपुर आदि गांवों की लहलहाती फसलें जल मग्न होने लगी हैं। ग्राम प्रधान जगदीश, राजू निषाद, रामप्रकाश, गोरेलाल यादव आदि ने बताया कि ज्वार, बाजरा, अरहर, ऊर्द, मूंग की फसलों में पानी भर रहा है। उपजिलाधिकारी भोगनीपुर राजीव राज ने बताया कि जलस्तर बढ़ रहा है। दो नाव की व्यवस्था ग्रामीणों के अवागमन के लिए कर दी गई है। लेखपाल मौके पर कैंप लगायें, बाढ़ से किसी भी ग्रामीण को परेशानी नहीं होने दी जायेगी। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पानी और बढ़ जाने की संभावना है।