प्रशसनिक सूत्रों के अनुसार चरागाह भूमि पर कई लोगों ने वर्षों से कब्जा कर फसली कार्य शुरु कर दिया, जिससे गांव के मवेशियों के लिए चारे का संकट गहरा गया। ग्राम पंचायत प्रशासन ने हाल ही में एसडीएम अनूप सिंह को ज्ञापन देकर चरागाह भूमि का सीमांकन कराने की मांग की थी। इस पर गत 16 जून को तहसीलदार मनीराम खीचड़ के निर्देशन में भू-अभिलेख निरीक्षक व पटवारियों की छह सदस्यीय टीम द्वारा सीमाज्ञान कराया गया था।
सरपंच सुनीता मीणा ने बताया कि सीमाज्ञान के बाद उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के निर्देश पर कब्जा काश्तकारों की बैठक ली गई। जिसमें चरागाह भूमि पर बरसों से काबिज अतिक्रमणों को हटाने के लिए समझाइश की गई। सरपंच की समझाइश पर लोगों से स्वयं ही चरागाह भूमि से कब्जे हटा लिए। इस दौरान ग्राम विकास अधिकारी उमेश शर्मा, रोजगार सहायक शमशाद खान मौजूद रहे।