मरीजों की कमर तोड़ती सड़क,बजट मिलने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं
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मरीजों की कमर तोड़ती सड़क,बजट मिलने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं
करौली. मण्डरायल रोड स्थित अस्पताल की सड़क निर्माण कार्य के आदेश जारी होने के दो माह बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। जिससे मरीज उनके परिजन तथा स्टॉफ को बदहाल रास्तों से सफर तय करना पड़ रहा है। अस्पताल मार्ग के लिए राज्य सरकार ने शिकारगंज से सांकडा मोड तक सड़क निर्माण को 2 करोड़ ९७ लाख रुपए का बजट मंजूर किया था। इसके लिए टेण्डर खोल ठेकेदार को निर्माण कार्य के कार्य आदेश भी जारी कर दिए गए। लेकिन दो माह बाद भी ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया है। इस मामले में विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से भी साफ तौर पर उजागर हो रही है। उन्होंने ठेकेदार से काम शुरू कराने में सक्रियता नहीं दिखाई है। इधर सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रामवतार वर्मा ने बताया कि सड़क निर्माण को 2 करोड़ ९७ लाख रुपए का बजट मिला है। इसके निर्माण के कार्य आदेश भी जारी कर दिए। उन्होंने बताया कि ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की कवायद विभाग ने शुरू कर दी है।
मरीज और प्रसूता परेशान
नए अस्पताल को जाने वाली शिकारगंज से अस्पताल तक की सड़क जगह-जगह से जर्जर हो गई है। मार्ग पर गहरे गड्ढे है। इस कारण मरीज उनके परिजन तथा प्रसूताओं को सर्वाधिक परेशानी हो रही है। प्रसूताओं को टेम्पों से मातृ एवं शिशु कल्याण स्वास्थ्य केन्द्र में लेकर जाते है, जिससे आए दिन क्षतिग्रस्त सड़क के गहरे गड्ढे में धंस कर टेम्पो खराब तक हो जाते है। जिससे टेम्पो से जाने वाली प्रसूताओं को टूसरे वाहनों से लेकर जाना पड़ता है। इसी प्रकार की स्थिति मरीजों को साथ भी है। तीन बड़ से अस्पताल तक मरीज अपने दुपहिया वाहनों को अकेले तक नहीं जा सकते हैं। सड़क मार्ग की लम्बे समय से मरम्मत तक नहीं की गई है।
यातायात के साधनों का अभाव
मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से यातायात साधनों का अभाव है। क्योंकि गहरे गड्ढों ती वजह से उक्त मार्ग पर टेम्पो तथा अन्य साधन संचालित नहीं होते हैं। जिससे मरीजों को चार किलोमीटर के सफर के लिए 150 से 200 रुपए तक टेम्पो पर खर्च करने पड़ते है। मार्ग पर एक भी निजी बस संचालित नहीं है। गत महीनों जिला कलक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शिकारगंज से अस्पताल तक के रोड के लिए सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई। लेकिन क्षतिग्रस्त सड़क की वजह से वाहन मालिकों ने मार्ग पर वाहन चलाने में रूचि नहीं दिखाई। वाहन मालिकों का कहना था कि रोड की मरम्मत या नया रोड बनने के बाद भी सार्वजनिक वाहन संचालित किए जाएंगे।
मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक में उठा मुद्दा
जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गत दिनों आयोजित मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक में क्षतिग्रस्त सड़क का मुद्दा उठा, पीएमओ ने बताया कि बदहाल सड़क से गर्भवती महिला, प्रसूता तथा अन्य मरीजों को परेशानी हो रही है। उन्होंने सड़क निर्माण की मांग की। जिस पर जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं से बात कर समस्या के समाधान का विश्वास दिलाया था। लेकिन अभी तक सड़क निर्माण कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है।
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