दरअसल उपखंड क्षेत्र की 52 ग्राम पंचायतों के गांव-ढाणियों में जनता जल योजना के अलावा विभिन्न पेयजल स्कीमों का निर्बाध संचालन कर आमजन को पेयजल मुहैया कराने की जवाबदेही ग्राम पंचायत प्रशासन की होती है। इसी के तहत गावों में सरकारी नलकूपों पर लगे विद्युत कनेक्शन के उपभोग के बिलों की राशि को भी ग्राम पंचायत को ही चुकाना होता है। लेकिन सरपंच व ग्राम विकास अधिकारियों की लारवाही कहें या लेटलतीफी। जिसके चलते बीते करीब दो वर्षों से जलयोजनाओं के बिजली बिलों को जमा नहीं कराया गया।
अब वसूली को लेकर निगम अभियंता पशोपेश में है, क्योंकि चुनावों के बीच में जलयोजनाओं के कनेक्शनों पर कैंची चलाई तो ग्रामीणों के साथ ही चुनावी दंगल में दम आजमा रहे नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। बहरहाल निगम को चुनाव संपन्न होने और नए सरपंचों के निर्वाचन व ग्राम विकास अधिकारियों के पदस्थापन का इंतजार करना होगा।
जयपुर डिस्कॉम के हिण्डौन (ए-द्वितीय) के सहायक अभियंता मनोज बैरवा ने बताया कि क्षेत्र की 33 ग्राम पंचायतों पर जनता जल योजना के बिजली बिलों के 1 करोड़ 2 लाख 99 हजार रुपए तथा विभिन्न पेयजल स्कीमों के बिजली बिलों के 44 लाख 1 हजार रुपए बकाया हैं।
निगम के श्रीमहावीरजी सहायक अभियंता केएल मीणा ने बताया कि क्षेत्र की 19 ग्राम पंचायतों पर जनता जल योजना के बिजली बिलों के 1 करोड़ 83 लाख 93 हजार 241 रुपए एवं विभिन्न पेयजल स्कीमों के बिजली बिलों के 1 करोड़ 87 लाख 18 हजार 510 रुपए बकाया हैं।
राज्य सरकार के निर्देश पर 14 वें वित्त आयोग के साढ़े 12 करोड़ रुपए में से सवा 6 करोड़ रुपए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कुछ समय पहले ही ग्राम पंचायतों के खातों में डाले थे। इस राशि को निर्माण कार्यों समेत विभिन्न योजनाओं में खर्च किया गया। बिजली बिलों का भुगतान तो अब चुनाव संपन्न होने के बाद ही हो सकेगा।
-लखनसिंह कुंतल, विकास अधिकारी पंचायत समिति, हिण्डौन।