scriptवैराग्य की राह पर निकले अरिहंत और भव्या का करौली शहर में निकला वरघोड़ा | Arihant and Bhavya, who set out on the path of detachment, came | Patrika News
करौली

वैराग्य की राह पर निकले अरिहंत और भव्या का करौली शहर में निकला वरघोड़ा

वैराग्य की राह पर निकले अरिहंत और भव्या का करौली शहर में निकला वरघोड़ा
दोनों 2 माह बाद लेंगे दीक्षा
करौली। जैन समाज की परंपरा के अनुसार दीक्षा ले रहे अरिहंत और भव्या का गुरुवार को करौली शहर में गाजे-बाजे से वरघोड़ा निकाला गया। करौली में प्रवास कर रहे मुनि धैर्य सुंदर विजय सहित निर्मोह सुंदर विजय, हर्ष सुंदर और परम सुंदर विजय जैन मुनियों के सानिध्य में बड़ा बाजार स्थित पल्लीवाल जैन मंदिर से वरघोड़ा सुबह शुरू हुआ। वरघोड़ा शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए वापस मंदिर पहुंचा।

करौलीNov 25, 2021 / 03:36 pm

Surendra

वैराग्य की राह पर निकले अरिहंत और भव्या का करौली शहर में निकला वरघोड़ा

वैराग्य की राह पर निकले अरिहंत और भव्या का करौली शहर में निकला वरघोड़ा

वैराग्य की राह पर निकले अरिहंत और भव्या का करौली शहर में निकला वरघोड़ा

दोनों 2 माह बाद लेंगे दीक्षा


करौली। जैन समाज की परंपरा के अनुसार दीक्षा ले रहे अरिहंत और भव्या का गुरुवार को करौली शहर में गाजे-बाजे से वरघोड़ा निकाला गया। करौली में प्रवास कर रहे मुनि धैर्य सुंदर विजय सहित निर्मोह सुंदर विजय, हर्ष सुंदर और परम सुंदर विजय जैन मुनियों के सानिध्य में बड़ा बाजार स्थित पल्लीवाल जैन मंदिर से वरघोड़ा सुबह शुरू हुआ। वरघोड़ा शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए वापस मंदिर पहुंचा। वरघोड़े में सकल जैन समाज के लोग शामिल हुए।
भरतपुर जिले में नदबई निवासी २६ वर्षीय भव्या तथा खेड़ली अलवर निवासी अरिहंत वैराग्य की राह पर निकले हैं। इसी क्रम में करौली शहर में जैन समाज ने उनका वरघोड़ा निकाला। वरघोडे में दोनों दीक्षार्थी पुष्पों से संजाए एक वाहन में सवार थे। उनके द्वारा विभिन्न प्रकार की वस्तुएं भी बाजार में लोगों को त्याग के प्रतीक स्वरूप लुटाई। इस वरघोड़े को देखने के लिए बाजार तथा छत्तों पर काफी भीड़ जमा हुई। कई स्थानों पर पुष्प वर्षा भी की गई।
मुनि धैर्य सुंदर विजय ने बताया कि स्कूली शिक्षा के दौरान ही अरिहंत तथा भव्या को अध्यात्म में रुचि हुई। इसके बाद वे जैन संतों के संपर्क में आए और वैराग्य की राह पर आगे बढ़ गए। उन्होंने बताया कि अरिहंत की दीक्षा 21 जनवरी को खेड़ली में और भव्य की दीक्षा 15 जनवरी को नदबई में होगी। इसी प्रक्रिया में गुरुवार को करौली में उनके वरघोड़ा का आयोजन रखा गया।
3 वर्ष से हैं तप की राह पर

मुनि धैर्य सुंदर विजय ने बताया कि अरिहंत और भव्या विगत तीन वर्षों से दीक्षा लेने के लिए तप की राह पर हैं। अरिहंत ने इलेक्ट्रिकल में डिप्लोमा किया हुआ है और नृत्य तथा लेखन में भी पारंगत हैं । जबकि भव्या ने बीए किया है। वे धैर्य सुंदर विजय की बहन धैर्य निधि श्री के सानिध्य में तप कर रही हैं।
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