देहात क्षेत्र प्रसिद्ध ‘जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया’ कहावत नगरपरिषद सभापति चुनाव में चरितार्थ हो गई। भाजपा के टिकट पर जीतने के बाद 12 पार्षद बाड़ेबंदी में शामिल थे। जो रविवार को भाजपा सभापति प्रत्याशी हरभान सिंह के साथ नगरपरिषद में मतदान करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन इन 12 पार्षदों में से किसी एक पार्षद ने क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर दिया। यही कारण रहा कि भाजपा प्रत्याशी को 11 वोट ही मिले। अब मंथन हो रहा है कि है कि भाजपा के नाम पर विजयी होने और कई दिनों तक बाडेबंदी में सैरसपाटे का लुत्फ उठाने के बावजूद कांग्रेस की गोद में जाकर बैठने वाला पार्षद है कौन?
सभापति चुनाव में वार्ड संख्या पांच के पार्षद ऋषिराज गौड़, वार्ड संख्या नौ की पार्षद अंजू जैन, वार्ड संख्या 10 के पार्षद कैलाश जाट व वार्ड संख्या 14 के पार्षद महेश बेनीवाल अपने मत का प्रयोग करने नगपरिषद नहीं पहुंचे। दोपहर दो बजे तक इन पार्षदों का इंतजार होता रहा। ये चारों पार्षद भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए हैं।
इधर निकाय चुनाव में भाजपा के प्रभारी रहे पूर्व मंत्री जितेन्द्र गोठवाल का कहना है कि हिण्डौन की जनता ने तो भाजपा को ही जनादेश दिया था, लेकिन हमारे कुछ पार्षद कांग्रेस के पक्ष में चले गए। इससे सभापति चुनाव में पराजय झेलनी पड़ी है। हार की जिम्मेदारी मेरे साथ ही पूरे शहर मंडल पदाधिकारियों की है। भाजपा को दगा देकर कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले और मतदान के लिए नहीं आने वाले भाजपा पार्षदों के खिलाफ पार्टी स्तर पर कार्रवाई होगी। साथ ही जिन नेताओं ने इन पार्षदों को टिकट दिलाने की सिफारिश की थी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए प्रदेश नेतृत्व को लिखा जाएगा।