नगरपरिषद सूत्रों के अनुसार शहर में विभिन्न आवासीय कॉलोनी व प्रमुख मार्गों पर 29 मैरिज गार्डन संचालित है, लेकिन इनमें से करौली रोड़ स्थित गणेशम रिसोर्ट एण्ड मैरिज गार्डन व सन्नी रिसोर्ट एण्ड मैरिज गार्डन ही नगरपरिषद द्वारा पंजीकृत किए गए हैं। जबकि मोहननगर स्थित एक मैरिज गार्डन की पंजीयन पत्रावली को नगरपरिषद द्वारा स्वायत्त शासन विभाग में स्वीकृति के लिए भेजा है।
गौरतलब है कि मई 2017 में भरतपुर में एक मैरिज गार्डन में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के अभाव में 24 लोगों की मौत होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री व यूडीएच मंत्री की ओर से राज्य भर के नगरीय निकायों को मैरिज गार्डन पंजीयन को लेकर कड़े निर्देश जार कर बिना पंजीयन संचालित मैरिज गार्डनो को सीज कर मालिकों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मैरिज गार्डनों में न तो मानक और सुरक्षा बंदोबस्तों की जांच होती है और न ही कोई सख्त कार्रवाई।
राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से वर्ष 2008 में राज्य सरकार को विवाह स्थलों के लिए आदर्श उप विधियां यानी मॉडल बायलॉज बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के तहत मॉडल बॉयलॉज को लागू किया गया। जो नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका की सीमा में प्रभावी हैं।
नियमानुसार सगाई, शादी, जन्म दिन, अन्य सामाजिक समारोह, उत्सव, प्रदर्शनी व नववर्ष कार्यक्रम आयोजित करने में उपयोग लिए जाने वाले फार्म हाउस, सामुदायिक भवन, क्लब, हॉल या भूखण्डों का निर्धारित पंजीयन कराना अनिवार्य है। वहीं विवाह या आयोजन स्थल के चारों ओर सुरक्षा बंदोबस्त करने के साथ ही ध्वनि प्रदूषण रोकने की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इन स्थलों पर निकाय की ओर से निर्देशित नाम व डिजाइन के कचरा पात्र के अलावा संचालक को अग्निशमन यंत्रों व पार्किंग व्यवस्था अपने स्तर पर करनी जरूरी है। नगर निगम व नगर परिषद क्षेत्र में सडक़ की चौड़ाई 6 0 फीट, जबकि नगर पालिका क्षेत्र में न्यूनतम 30 फीट होना अनिवार्य है।
करेंगे कार्रवाई
शहर में बिना पंजीयन चल रहे मैरिज गार्डन मालिकों को पूर्व में नोटिस जारी किए थे। अब फिर से इनकी जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-प्रेमराज मीना, आयुक्त नगरपरिषद हिण्डौनसिटी