जिले के पहली बार दौरे पर आई बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने कहा कि हर जिले में बच्चों से जुड़े मामलों में अलग प्रकार की अधिकता होती है। वे करौली जिले में बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्यों से सर्वाधिक अधिक आने वाले मामलों की प्रकृति जानेंगी। जिससे बाल आयोग द्वारा किए जाने वाले अतिरिक्त कार्यों की जरुरत तय की जा सके। इसके लिए बाल संपे्रषण गृह, बाल गृ़ह, पुलिस थानों को देखा जाएगा। साथ बालगृह में रह रहे बच्चों से भी बात की जाएगी। बेनीवाल ने कहा कि बाल संग्रहण गृह बाल सुधार गृह हैं, जहां बाल अपचारियों को अच्छा माहौल दे कर सभ्य नागरिक बनने को प्रेरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि बालकल्याण समिति ऐसे बच्चों के लिए अभिभावक की भूमिका निभाती है।