प्राधिकरण की सचिव रेखा यादव ने बताया कि बैठक में राजस्थान पीडि़त प्रतिकर स्कीम 2011 के तहत बलात्कार के एक प्रकरण में पीडि़ता को पांच लाख रुपए तथा एक नाबालिग बालिका के पोक्सो के प्रकरण में पीडि़ता को भी पांच लाख रुपए अन्तिम प्रतिकर के रूप में अवार्ड दिए जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
बैठक में नि:शुल्क विधिक सहायता दिए जाने के लिए ऐसे पक्षकर जो न्यायिक अभिरक्षा में है, महिला है, अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के है या जिनकी वार्षिक आय डेढ़ लाख रुपए से कम है, उनको नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाने का अनुमोदन किया गया। विधिक सहायता के 3 प्रकरणों में नि:शुल्क अधिवक्ता नियुक्त कर अधिवक्ता को प्रथम किश्त के भुगतान का अनुमोदन किया।
एक प्रकरण में पूर्व से पैरवी कर रहे नि:शुल्क अधिवक्ता जिनके प्रकरण निस्तारित हो चुका है, उन्हें द्वितीय किश्त के भुगतान का अनुमोदन किया गया। इस दौरान जिले के लिए गठित अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी की अक्टूबर माह की मासिक मीटिंग भी हुई। जिसमें नि:शुल्क विधिक सहायता, राजस्थान पीडि़त प्रतिकर स्कीम-2011, मध्यस्थता गतिविधियां, मासिक एक्शन प्लान के अनुरूप विधिक जागरूकता कार्यक्रमों पर चर्चा की गई।
बैठक में प्राधिकरण सचिव इन्दू पारिक न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश मीना, जिला कलक्टर डॉ. मोहनलाल यादव, पुलिस अधीक्षक अनिलकुमार बेनीवाल, बार संघ अध्यक्ष पीयूष शर्मा, राजकीय अधिवक्ता महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।