राजस्थान के करौली में प्रधान-वीडीओ के विवाद में फंसा गांवों का विकास,छह माह बाद भी बजट की राशि खातों में ट्रान्सफर तक नहीं हो सकी
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राजस्थान के करौली में प्रधान-वीडीओ के विवाद में फंसा गांवों का विकास,छह माह बाद भी बजट की राशि खातों में ट्रान्सफर तक नहीं हो सकी
करौली.स्थानीय पंचायत समिति की प्रधान व विकास अधिकरी के बीच उपजे मतभेदों में गांवों के विकास की राशि फंस गई है। जिससे बजट मंजूर होने के बाद भी उसका उपयोग नहीं हो रहा है। उच्च अधिकारियों ने भी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। राज्य सरकार ने करौली पंचायत समिति के गांवों में विकास के लिए २५ सितम्बर २०१८ को राज्य वित्त आयोग पंचम की 1 करोड़ ३२ लाख रुपए का बजट जारी किया। पंचायत समिति के मद में बजट सरकार से प्राप्त हो गया। यह बजट गांवों के विकास के लिए तुरंत जारी होना था, लेकिन छह बाद भी बजट का उपयोग होना तो दूर अभी पंचायतों के खाते में ट्रान्सफर नहीं हुआ है।
यहां से शुरू हुआ विवाद
२५ सितम्बर को राशि प्राप्त होने के बाद विकास अधिकारी गुलाब सिंह गुलाब सिंह गुर्जर ने ९३ लाख रुपए की पत्रावली पर स्वयं ने हस्ताक्षर कर प्रधान इंदू देवी जाटव के पास भेजा था। दोनों ने पत्रावली पर हस्ताक्षर कर दिए। लेकिन भुगतान स्वीकृति पर आदेश नहीं हो सके। इसी बीच दौरान रौंडकला पंचायत के १८ लाख रुपए के कार्यों का बजट ट्रान्सफर करने की पत्रावली पर वीडियो ने प्रधान के पास भेजी थी। प्रधान ने वीडियो से पहले जारी किए गए ९३ लाख रुपए के भुगतान स्वीकृति निकालने को कहा। उन्होंने स्वीकृति नहीं निकालने पर नाराजगी जताई तथ उच्च अधिकारियों को अवगत भी कराया। सूत्रों ने बताया कि इसके मौखिक जवाब में वीडियो ने कहा कि १८ लाख रुपए की पत्रावली पास होने के बाद दोनों एक साथ निकाली जाएंगी। इसी बात पर दोनों में विवाद बढ़ गया। इस कारण ९३ लाख रुपए के भुगतान स्वीकृति आदेश लेखा शाखा व वीडीओ स्तर से जारी नहीं हो रहे हैं। १८ लाख रुपए की पत्रावली प्रधान के कक्ष में पड़ी है।
सड़क, बिजली-पानी पर खर्च होनी है राशि
राज्य वित्त आयोग पंचम की राशि गांवों में ग्रेवल सड़क, बिजली-पानी की व्यवस्थाओं पर खर्च की जाती है। इसके तहत गांवो ें सिंगल फेज नलकूप स्थापित होने थे। ग्राम पंचायतों को जनता जल योजना के बिलों की राशि का भुगतान पंचायतों को करना था। लेकिन राशि के अभाव में ग्रेवल सड़कों के विकास कार्य बंद हो गए तथा नलकूप स्थापित नहीं हो सके। नलकूप तथा सड़कों की स्वीकृति बजट के अभाव में पचायत समिति के सहायक अभियंता कक्ष में पड़ी हुई है।
पता नहीं क्यों काम करना नहीं चाहते
९३ लाख रुपए के भुगतान स्वीकृति आदेश विकास अधिकारी नहीं निकाल रहे हैं। पता नहीं वे क्यों काम नहीं करना चाहते हैं। विकास कार्यों की सभी योजना बंद पड़ी है। आमजन परेशान हो रहा है। अधिकारियों से शिकायत भी की गई है।
१८ लाख रुपए की पत्रावली पर हस्ताक्षर नहीं
९३ लाख रुपए जल्द ही खातों में ट्रान्सफर हो जाएंगे। लेकिन प्रधान १८ लाख रुपए की पत्रावली पर हस्ताक्षर नहीं कर रही है। प्रधान और स्वीकृति निकालने का दबाव बना रही है।मैं जितना बजट है उतना ही निकालूंगा।
गुलाब सिंह गुर्जर विकास अधिकारी करौली
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