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राजस्थान के करौली में अध्यापकों का टोटा, स्कूलों पर लटेगा ताला, शिक्षण कार्य बाधित

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करौलीJul 30, 2018 / 06:33 pm

vinod sharma

Five School Teacher Vihin

राजस्थान के करौली में अध्यापकों का टोटा, स्कूलों पर लटेगा ताला, शिक्षण कार्य बाधित


करौली.स्थानीय ब्लाक में अध्यापकों का टोटा होने से पांच स्कूल शिक्षक विहिन हो गए हैं। इसके अलावा एक दर्जन स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे हैं। जिससे स्कूलों पर ताला लटकने की नौबत आ गई है। सरकार ने नामांकन के आधार पर स्कूलों का समायोजन व अध्यापकों का स्टार्फिंग पैटर्न किया। इस कारण करौली जिला मुख्यालय के अधिकतर स्कूलों के अध्यापकों को ग्रामीण क्षेत्र में तैनात कर दिया है। शहर के स्कूल खाली हो गए हैं। शहर के आठवीं तक के स्कूलों में दो से तीन अध्यापक नियुक्त है। पांच स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है।
ये स्कूल शिक्षक विहिन
शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार करौली शहर के राजकीय प्राथमिक स्कूल सहरियानका पुरा, नाहर देह, दुर्गेशी घटा, रणगमा तालाब व कल्लादह स्कूल में नामांकन गत साल कम था तथा अध्यापक काफी लम्बे समय से स्कूल में जमे हुए थे। इस कारण सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न पर अध्यापकों का दूसरे स्कूलों में पदस्थापन कर दिया। लेकिन इनकी जगह अन्य अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई। अध्यापकों के अभाव में स्कूल शिक्षक विहिन हो गए हैं। बाद में इन स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दूसरे स्कूलों से अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर लगाए। लेकिन स्थायी अध्यापक अभी तक नियुक्त नहीं किए गए हैं। इसी प्रकार शहर के एक दर्जन स्कूल एक-एक अध्यापक के भरोसे संचालित है। एक ही अध्यापक होने से सरकारी कामकाज बाधित हो रहा है।
शिक्षण के नाम पर खानापूर्ति
स्कूलों में एक-एक अध्यापक होने से शिक्षण के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। क्योंकि एक अध्यापक को सरकारी बैठक व प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए जाना पड़ता है। इनके पीछे से स्कूल बंद हो जाता है। एक अध्यापक को मिड डे मिल, दूध योजना का संचालन भी करना पड़ता है। इस कारण शिक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। छात्र-छात्राओं को बिना पढ़े घर लौटना पड़ता है। पढ़ाई नहीं होने से विद्यार्थियों की उपस्थिति भी उक्त सरकारी स्कूलों में कम हो रही है।
एसआईक्यूई की समीक्षा, निरीक्षण पर जोर
शिक्षा विभाग के जिला कोर ग्रुप व जिला अकादमिक समूह की बैठक सोमवार को करौली के डीईईओ कार्यालय प्रारम्भिक में हुई। रमसा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक इन्द्रेश तिवाड़ी ने स्कूलों के नामांकन, छात्रवृत्ति, स्टॉफ तथा सुविधाओं की जानकारी ऑनलाइन करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सूचना दर्ज होने के बाद ही सरकार स्कूलों के विकास कार्यों के लिए राशि आवंटित करती है। बैठक में आधार रेखा, पदस्थापन आंकलन, शिक्षा विभाग की योजनाएं, शिक्षा की क्वालिटी, कम्प्यूटर लैब तथा अन्य विषयों पर चर्चा कर उनकी समीक्षा की गई। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) रामखिलाड़ी मीना , एडीईओ प्रारम्भिक ताराचंद जाटव, सर्व शिक्षा अभियान के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक अशोक शर्मा, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकरी रामदयाल मीना आदि अधिकारी व स्कूलों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे।

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