करौली

इस राजस्थानी मिठाई के लिए करना पड़ता है साल भर इंतजार, नाम सुनते ही मुंह में आ जाएगा पानी

Gangaur Special Sweet : गणगौर के मौके पर मिलने वाला ऐसा मिठाई जिसको चखने के लिए लोगों को साल भर इंतजार करना पड़ता है। इस दिन करौली की अधिकांश मिठाईयों की दुकानों पर इस मिठाई को बनाने के लिए खासतौर से तैयारियां जोरो-शोरो से की जाती है।

करौलीApr 11, 2024 / 12:50 pm

Supriya Rani

करौली. गणगौर के मौके पर मिलने वाला ऐसा मिठाई जिसको चखने के लिए लोगों को साल भर इंतजार करना पड़ता है। इस दिन करौली की अधिकांश मिठाईयों की दुकानों पर इस मिठाई को बनाने के लिए खासतौर से तैयारियां जोरो-शोरो से की जाती है। गणगौर त्योहार के उपलक्ष में इसकी बिक्री में खूब होती है। आखिर यह कौन-सी मिठाई है जिसको चखने के लिए लोगों को साल भर इंतजार करना पड़ता है। आइए जानते हैं।

 

राजस्थानी संस्कृति का सबसे खास पर्व गणगौर है। यह करवाचौथ की तरह ही उत्तम फलदायी होता है। यह अनोखी मिठाई इस त्योहार में खूब सारा प्यार घोलती है। पति-पत्नी के रिश्तों की बात करें तो गणगौर एक महत्वपूर्ण त्योहार है। कुंवारी कन्याएं और महिलाएं अच्छा पति पाने और पति के साथ सुखद जीवन व्यतीत करने के लिए इस व्रत का अनुसरण करती है। माना जाता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच भगवान शिव और मां पार्वती जैसा ही सुखद दाम्पत्य संबंध बनता है।


“गुना” नामक यह मिठाई जिसका नाम सुनते ही आपके मुंह में पानी आ जाएगा। इसे आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों खरीद सकते हैं। गुना मिठाई का स्वाद अन्य मिठाईयों से थोड़ा हटकर रहता है। इसी कारण लोगों को इसका सालों से बेसब्री से इंतजार रहता है। गणगौर पर्व पर बाजारों में इसकी मांग इतनी जबरदस्त रहती है कि इस मिठाई की पूर्ति तक नहीं हो पाती।

 

 


गुना मिठाई बनाने के लिए खास तैयारियां गणगौर से 10-12 दिन पहले ही शुरू हो जाती है। दूरदराज तक इसकी जबरदस्त मांग होती है। करौली में बनने वाले इस गुना मिठाई की मांग करौली में तो रहती ही हैं साथ ही दूसरे राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात से भी ऑर्डर आते हैं। गणगौर वाले दिन इस मिठाई की हजारों क्विंटल की खपत होती है।

गुना मिठाई चार प्रकार से बनाई जाती है। मैदे के मीठे गुना, मैदे के नमकीन गुना, तीसरा बेसन के गुना और चौथा मैदा की छोटी साइज वाली छल्ले वाले गुना। इस मिठाई का साइज कड़े के आकार का होता है। दूसरे साइज में एक गुना उंगली के द्वारा साइज में उंगली के बराबर छल्ला वाला बनता है। गणगौर की खास मिठाई करौली में रुपए 150 से लेकर 300 किलो तक बिकती है तो वहीं ऑनलाइन 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलती है।
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