अल्पायु में दिगंबर जैनमुनि दीक्षा ले 27 वर्षों से दीक्षित युवा जैनाचार्य सुकुमाल नंदी ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमें घर बैठकर इस कोरोना वायरस के युद्ध से विजय प्राप्त करनी है। दुनिया के इतिहास में पहला युद्ध होगा जिसको लोगों को घर बैठकर अपने निवास में बैठकर जीतना है। भारत को ही नहीं अपितु पूरे विश्व को इस महामारी से दूर भगाना है। आज संपूर्ण विश्व में सबसे बड़ा शत्रु कोई देश ,धर्म या किसी विचारधारा के अनुयायी नहीं, कोरोना महामारी है। इस बीमारी से बचाव सभी को मिलकर करना है। लोगों को इससे बहुत भयभीत होने की बजाय घर रह कर खुद का और दूसरों का बचाव करना है।
जैनाचार्य ने संक्रमण के लक्षणों पर नजर रखने के साथ आयुर्वेदिक काढ़े का प्रयोग करने की सलाह दी। साथ ही कई प्रकार के भ्रमों का निराकरण किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि जब किसी बीमारी की वजह से धार्मिक स्थल बंद हो गए हैं। इस दौर में यह समझ लीजिए कि अभी सारे भगवान डाक्टर के रूप में अस्पताल में हैं, जो कि कोरोना वायरस से पीडि़तों का इलाज कर रहे हैं । अपनी जान की परवाह किए बगैर जन सेवा मे लगे हैं ।
उन कोरोना वॉरियर्स के लिए घर में परिवार के साथ रह कर मंगलकामना कीजिए। हम सभी इस महामारी को गंभीरता से लें। सोचे कि भारतीय रेल सेवा कभी युद्धकाल में भी नहीं रुकी और आज भारतीय रेल भी बंद है। कृपया गंभीरतापूर्वक सभी लोग घर पर ही रहे।