द्वापर में ऊखल से बांधे कृष्ण, कलयुग में बंधे हैं विवेकानंद
द्वापर में ऊखल से बांधे कृष्ण, कलयुग में बंधे हैं विवेकानंद
हिण्डौनसिटी. युवा भारत के दृष्टा स्वामी विवेकानंद की जयंती शनिवार को युवा दिवस के रूप में मनाई गई। विदेशों में भारतीय संस्कृति को लोहा बनवाने वाले स्वामीजी की प्रतिमा का नजारा द्वापर युग के बाल कृष्ण के दृश्य जैसा प्रतीत होता है। उस दौरान कान्हा को मैया यशोदा ने भले ही सांकेतिक रूप से ऊखल से बांधा था। लेकिन यहां के विवेकानंद पार्क में स्वामीजी की प्रतिमा चार माह से चारदीवारी की रैलिंग के पिलर से बंधी हुई।
मामला ये है कि नगर परिषद के गत बोर्ड ने कार्यकाल अंतिम दिनों ने राजकीय चिकित्सालय रोड पर प्रतिमा स्थापित कर स्वामी विवेकानंद पार्क बनाया था। नगर परिषद के वर्तमान बोर्ड ने सितम्बर माह से पार्कों का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया। इसके तहत पार्क को नया लुक देने के लिए विवेकानंद प्रतिमा को पार्क में ही दूसरे स्थान पर स्थापित करने के लिए मूल स्थान से हटा दिया गया। तब से स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पार्क में एक तरफ पिलर से बंधी है। इधर परिषद अधिकारियों का कहना है कि पार्क में बच्चों के खेलने के दौरान मूर्ति गिरने के डर से प्रतिमा को सुरक्षा लिहाज से बांधा हुआ है। जल्द ही उचित स्थान पर स्थापित किया जाएगा।
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