सूत्रों के अनुसार आगार के रोडवेज चालक-परिचालकों की इस खून-पसीने के कमाई को राजस्थान रा’य पथ परिवहन निगम वर्ष 2003 से दबाए बैठा है। जानकारी के मुताबिक कर्मचारियों की ड्यूटी आठ घंटे से ’यादा नहीं बनती, लेकिन साल दर साल कर्मचारियों के सेवानिवृत होने व रिक्त पदों पर नई भर्ती नहीं करने से शेष ब‘ो रोडवेज के चालक-परिचालकों से इससे अधिक कार्य करवाया जा रहा है। कर्मचारी संगठन तो कई बार इसे शोषण बता आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन निगम मुख्यालय द्वारा रोडवेज कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही।
स्थानीय हिण्डौन आगार में 350 कर्मचारी कार्यरत है, इनमें 250 चालक-परिचालक हंै। कार्मिकों का कहना है कि किसी कर्मचारी का दो लाख का भुगतान अटका है, तो किसी का तीन या चार लाख का। निगम द्वारा कर्मचारियों से काम तो दिन-रात कराया जा रहा है, लेकिन ओवर टाइम के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जा रहा। नई भर्ती भी नहीं की जा रही है। इससे कर्मचारियों की कमी के कारण दूसरे कर्मचारियों को अतिरिक्त ड्यूटी करनी पड़ रही है।
ओवरटाइम के बाद नहीं मिलता आराम-
रोडवेजकर्मियों के अनुसार कई चालक-परिचालकों से 12 से 15 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है। नियमानुसार ओवरटाईम के करने के बाद चालक-परिचालकों को अगले दिन आराम का मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन कार्मिकों के अभाव में उन्हें लगातार नौकरी करनी पडती है। खास बात यह है कि ओवरटाइम की राशि भी प्रतिमाह मिलनी चाहिए, लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही है। इससे कार्मिकों में रोष व्याप्त है। कई कर्मचारियों को तो ओवरटाइम ड्यूटी का भुगतान सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं हुआ है। इधर, रोडवेजकर्मी लम्बे से ओवरटाइम ड्यूटी की राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हंै।
ओवरटाइम के बाद नहीं मिलता आराम-
रोडवेजकर्मियों के अनुसार कई चालक-परिचालकों से 12 से 15 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है। नियमानुसार ओवरटाईम के करने के बाद चालक-परिचालकों को अगले दिन आराम का मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन कार्मिकों के अभाव में उन्हें लगातार नौकरी करनी पडती है। खास बात यह है कि ओवरटाइम की राशि भी प्रतिमाह मिलनी चाहिए, लेकिन इसकी पालना नहीं हो रही है। इससे कार्मिकों में रोष व्याप्त है। कई कर्मचारियों को तो ओवरटाइम ड्यूटी का भुगतान सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं हुआ है। इधर, रोडवेजकर्मी लम्बे से ओवरटाइम ड्यूटी की राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हंै।
सरकार समय पर नहीं करती पुनर्भरण-
सूत्रों के अनुसार राजस्थान रा’य पथ परिवहन निगम विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को नि:शुुल्क या रियायती दर पर यात्रा कराता है। इस छूट की राशि का पुनर्भरण रा’य सरकार द्वारा किया जाता है। लेकिन सरकार द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने से रोडवेज को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है
रोडवेज कर्मचारियों को ओवरटाइम ड्यूटी की एवज में पारिश्रमिक का भुगतान होता है। लेकिन बजट के अभाव में लंबे समय से भुगतान नहीं हो पाया है। उ”ााधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन यह उ”ा स्तर का मामला है।
– बहादुरसिंह गुर्जर, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज आगार, हिण्डौनसिटी।
रोडवेज कर्मचारियों को ओवरटाइम ड्यूटी की एवज में पारिश्रमिक का भुगतान होता है। लेकिन बजट के अभाव में लंबे समय से भुगतान नहीं हो पाया है। उ”ााधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन यह उ”ा स्तर का मामला है।
– बहादुरसिंह गुर्जर, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज आगार, हिण्डौनसिटी।