श्रेणी के आधार पर मिलें सुविधाएं-
केन्द्रीय बजट में रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं व संसाधन ग्रेड (श्रेणी) के आधार पर घोषित हों। ताकि उस श्रेणी के स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों को लाभ मिल सके। हिण्डौन के समकक्ष बी-ग्रेड के रेलवे स्टेशनों पर कहीं अधिक सुविधाएं हैं। जिनकी खासतौर पर यहां जरुरत है।
कोटा मंडल में माल परिवहन में सर्वाधिक आय देने वाले रेलवे स्टेशनों में हिण्डौन सिटी अव्वल है। केन्द्रीय बजट में सर्वाधिक आय देने वाले स्टेशनों पर गुड्स शेड को बेतहरीन बनाने की प्राथमिकता मिले। हिण्डौन में बजट से गुड्स प्लेटफार्म के पुन:निर्माण, चारदीवारी व श्रमिकों के लिए विश्राम गृह की उम्मीद है।
-बनवीर चौधरी, गुड्स शेड़, प्रभारी, हिण्डौनसिटी।
बी-ग्रेड का रेलवे स्टेशन होने के बाद भी आरक्षित टिकट लेने की सुविधा एक पारी (दोपहर 3 बजे तक) मेंं है। पूछताछ केंद्र भी नहीं है। जबकि समक्ष रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को ये सुविधाएं मिल रहीं हैं। केन्द्रीय बजट में आरक्षण टिकट खिडक़ी के दो पारियों में खुलने व पूछताछ की सुविधा शुरू होने की आस है। ताकि रात आठ बजे तक टिकट आरक्षण व निरस्त कराने की सुविधा मिल सके।
-विनोद कुमार गोयल, मुख्य टिकट एवं पार्सल पर्यवेक्षक।
यहां ठहने वाली ट्रेनों से शहर देश भर से जुड़ा है। लेकिन कई बड़े शहरों को जाने वाले ट्रेनें नहीं ठहरती है। केन्द्रीय बजट में हिण्डौन से निकलने वाली इंदौर, हावड़ा, व अहमदाबाद जाने वाली ट्रेनों के ठहराव की उम्मीद है। ताकि लोग बिना ट्रेन बदले गंतव्य तक पहुंच सकें।
-अल्लादीन खां, स्थानीय नागरिक।
स्टेशन पर सर्वाधिक यात्री भार दिल्ली जाने वाले यात्रियों का है। स्टेशन पर सुबह साढ़े आठ बजे बाद रात साढ़े 11 बजे एक साथ दो ट्रेनें हैं। दोपरह में स्वर्ण मंदिर मेल में स्थान नही होने से यात्री सफर नहीं कर पाते। ऐसे में बजट से कोटा-दिल्ली के बीच दोपहर एक और ट्रेन सेवा शुरू होनी चाहिए। ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।
राजेंद्र घेंघट, रेलकर्मी।
रेलवे स्टेशन पर कोच गाइडेंस, ऑन लाइन ट्रेन टाईम डिस्प्ले बोर्ड नहीं है। ऐसे में यात्रियों को ट्रेन आने पर बोगी की तलाश में प्लेटफार्म पर दौडऩा पड़ता है। स्टेशन का सिस्टम एनटीईएस से जुड़ा नहीं होने से यात्रियों को ट्रेन के समय की पक्की जानकारी भी नहीं मिल पाती है। बजट में रेलवे स्टेशन पर ऐसी सुविधाओं की उपलब्धता की उम्मीद है।
राजेश शर्मा, रेलकर्मी।