चम्बल नदी में उफान की हालत ये है, कि कसेड की 25 फीट ऊंचाई वाली पुलिया पर भी ढाई फीट ऊंचाई तक पानी बह रहा है। चंबल में उफान के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। करणपुर के समीप नानपुर पंचायत के गांव चौरधान की पुलिया की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने से पांच गांवों का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। पाटौरन, टुडान , चौरघान की ढाणी , चौरघान , दोहरी , भर्रपुरा के लोगों को अब करणपुर पहुंचने के लिए 20 किमी. का चक्कर लगाकर वैकल्पिक रास्ते से जाना पड़ रहा है। मण्डरायल में 161.50 मीटर के स्तर पर बह रहा पानी
फसलें डूबी पानी में चम्बल नदी में उफान के बाद तटीय गांवों में फसल चौपट हो गई। करणपुर से मण्डरायल सड़क मार्ग व करणपुर से महाराजपुरा जाने वाला रास्ता अवरूद्ध हो गया है। करणपुर से मण्डरायल वाले रास्ते में कोंडरी, भकूला नाला व कसेड के बरसाती नालों तथा महाराजपुरा के बरसाती नाले में चम्बल नदी के पानी से बाजरा, तिल, मूंग अरहर की फसलें चौपट हो गई हैं। महाराजपुरा सरपंच प्रतिनिधि कन्हैया लाल बैरवा , भंवर सिंह राजपूत, टोडा से हेमराज पहलवान, कसेड के पूर्व सरपंच बाबूलाल मीना ,केदार मीना , ईतराज बैरवा ने फसल खराबे का सर्वे करा मुआवजे की मांग की है।
एसडीआरएफ टीम पहुंची
चंबल नदी में उफान के बाद तटीय क्षेत्रों में बाढ़ के हालत बनने पर जिला प्रशासन ने करणपुर में एसडीआरएफ की टीम भेजी है। जिसने नानपुर पंचायत के गांव डंगरिया के अस्थल घाट से गुजर रही चम्बल नदी का जायजा लिया। चम्बल नदी में कोटा बैराज से पानी छोडऩे के बाद नदी में उफान आया है। करणपुर थाने के एएसआई रामवीर सिंह व एसडीआरएफ टीम के हैड कांस्टेबल फूल सिंह के नेतृत्व में चम्बल नदी के तटीय इलाकों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि नदी में जलस्तर घटते क्रम में है। ऐसे में अभी हालत खतरे से बाहर है।