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करौली

सर्दी से सरसों में आई रंगत, बंपर उत्पादन की उम्मीद

गुढ़ाचन्द्रजी. माड़ क्षेत्र की काली चिकनी मिटï्टी में काला सोना (सरसों) की इस बार बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। जगह-जगह खेतों में सरसों लहलहा रही है। पीले फूल आने से ऐसा लग रहा है मानो धरती ने पीली चुनरिया ओढ ली है। इस बार अच्छी बारिश होने से भूमि में पर्याप्त नमी है। ऐसे में फसल अच्छी होगी।

करौलीDec 03, 2021 / 12:00 pm

Jitendra

सर्दी से सरसों में आई रंगत, बंपर उत्पादन की उम्मीद

गुढ़ाचन्द्रजी क्षेत्र के एक खेत में लहलहाती सरसों।


गुढ़ाचन्द्रजी. माड़ क्षेत्र की काली चिकनी मिटï्टी में काला सोना (सरसों) की इस बार बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। जगह-जगह खेतों में सरसों लहलहा रही है। पीले फूल आने से ऐसा लग रहा है मानो धरती ने पीली चुनरिया ओढ ली है। इस बार अच्छी बारिश होने से भूमि में पर्याप्त नमी है। ऐसे में फसल अच्छी होगी। वहीं अधिकतर किसानों ने सरसों की बुवाई की है। दाम बढऩे से किसानों का सरसों में रुझान है। उल्लेखनीय है कि परम्परागत खेती में सरसों महंगी जिसों में शामिल है। पिछले दो साल से तो सरसों के दाम काफी बढ़ गए हैं। सरसों के खाद्य तेल के दामों में भी इजाफा हुआ है।
सर्दी से आई रंगत
सर्दी तेज होने के बाद फसल में रंगत आने लगी है। पीले फूल लहलहा रहे हैं। किसानों ने बताया कि जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी फसल में भी रंगत और बढ़ेगी वहीं उत्पादन भी बढ़ेगा। कोहरा भी सरसों के लिए काफी फायदेमंद रहता है। सिंचाई में मशक्कत नहंी करनी पड़ेगी। इस बार अच्छी बारिश से जलस्रोत लबालब है। जिससे भी खेती को सम्बल मिला है।
वन्यजीव और रोगों से बचाव में मशक्कत
खेतों में सरसों की पैदावार तो बंपर हो रही है, लेकिन इसको रोग और वन्यजीवों से बचाने में किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। सर्दी की रात में भी खेतों में ही ठहरना पड़ता है। क्योंकि सूने खेतों में आवारा जानवर व वन्यजीव घुसकर फसल खराब कर देते हैं। इधर फसल में कहीं रोग नहीं लग जाए इसके लिए भी किसान सुरक्षा में मशक्कत कर रहे हैं। हालांकि तेज सर्दी फसल के लिए अनुकूल है। ऐसे में रोग लगने की संभावना कम है।
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