करौली

अवैध खनन से बनास नदी हुई खोखली

ठोस कार्रवाई के अभाव में अवैध खनन करने वाले बेखौफ जीरोता. न्यायालय की रोक के बावजूद बनास नदी से बजरी अवैध खनन और परिवहन नहीं रूक रहा है। दिन रात जेसीबी से बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे नदी का सीना छलनी हो गया है। नदी में रहने वाले वन्यजीवों का अस्तित्व भी खतरे में है। नदी क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। रात के समय खनन कार्य अधिक होता है। रोजाना सैंकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली बजरी का अवैध खनन किया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है ठोस कार्रवाई के अभाव में बजरी का अवैध खनन करने वाले सक्रि

करौलीNov 25, 2022 / 12:36 pm

Jitendra

केप्शन. जीरोता. बनास नदी के किनारे बजरी भरकर खड़ी ट्रॉलियां।

अवैध खनन से बनास नदी हुई खोखली
जीरोता. न्यायालय की रोक के बावजूद बनास नदी से बजरी अवैध खनन और परिवहन नहीं रूक रहा है। दिन रात जेसीबी से बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे नदी का सीना छलनी हो गया है। नदी में रहने वाले वन्यजीवों का अस्तित्व भी खतरे में है। नदी क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। रात के समय खनन कार्य अधिक होता है। रोजाना सैंकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली बजरी का अवैध खनन किया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है ठोस कार्रवाई के अभाव में बजरी का अवैध खनन करने वाले सक्रिय है।
यहां से होता है खनन

ग्रामीणों ने बताया की रात्रि के समय हाड़ौती-भूरीपहाड़ी बनास, पुराघाट, परित घाट, श्यामोली आदि जगहों पर बनास नदी से खनन किया जाता है। अवैध खनन के बाद हाडौती, फतेपुर, बगीदा के रास्ते से अडूदा होते हुए जोड़ली, बूकना, चौड़ागांव, जीरौता , गोरधनपुरा, रानेटा-मशावता के रास्ते से ट्रॉलियां बजरी लेकर निकलती है। सवाई माधोपुर के श्यामोली बनास नदी से मलारना स्टेशन होते हुए निमोदा व नारौली डांग के रास्ते से बजरी की ट्रॉलियां निकलती है। टै्रक्टर-ट्रॉली चालकों ने गुप्त रास्ते भी बना रखे हैं।
दुर्घटना का अंदेशा
ग्रामीणों ने बताया कि बजरी लेकर ट्रॉलियां दिन रात तेज गति से दौड़ती रहती है। जिससे कई हादसे हो चुके हैं। आए दिन हादसे का अंदेशा रहता है। रात के समय ट्रॉली चालक बजरी भरकर तेज आवाज में डेक स्पीकर बजाते हुए निकलते हैं। जिससे सड़क किनारे झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाले लोग सो नहीं पाते। ओवरलोडिंग से सड़कें टूट रही है।

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