गौरतलब है कि इन दिनों जिले के विभिन्न इलाकों में गेहंू और चना की फसल हो रही है। गेहूं की फसल लगभग पककर तैयार हो चुकी है, वहीं कई जगह तो किसानों ने फसल को काट लिया है, लेकिन अभी गेहूं के पूड़ा बनाकर खेतों में ही डाले हुए हैं। लेकिन इसी बीच शुक्रवार तड़के व इसके बाद दिन में भी दो-तीन बार बारिश हुई, जिससे गेहूं की बालियां भींग गई।
कई जगह तेज हवा से फसल पसर गई। यह देख किसान नुकसान को लेकर चिंतित हो उठे। यहां गद्का की चौकी निवासी किसान रामबाबू सैनी, गोपाल सैनी का कहना है कि बारिश से गेहूं की फसल में नुकसान होगा। बालियां भींग गई हैं, जिससे दाना काला पड़ जाएगा।
ऐसे में बाजार में उसके भाव भी नहीं मिल पाएगे। इसी प्रकार पदेवा निवासी राजेश माली ने बताया कि 3 बीघा भूमि में गेहूं की फसल की बुआई की थी, फसल भी अच्छी हो गई, लेकिन अब बारिश से अरमानों पर पानी फिर सकता है। इन दिनों फसल की कटाई चल रही है। लगभग आधी फसल की कटाई भी कर ली, लेकिन गेहूं के पूड़े अभी खेत में ही पड़े हैं, जो बारिश में भींग गए।
81 हजार में गेहूं, 15 हजार में चना
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जिले में करीब 81 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल की बुवाई हुई थी, वहीं करीब 15 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में चना की फसल है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जिले में करीब 81 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल की बुवाई हुई थी, वहीं करीब 15 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में चना की फसल है।
गुणवत्ता में आएगी कमी
बारिश से फिलहाल खास नुकसान जैसी स्थिति नहीं है। यदि अब भी मौसम साफ हो जाएगा तो अधिक परेशानी नहीं है। हालांकि गेहूं की फसल के दाने में गुणवत्ता में कुछ कमी आएगी।
-बीडी शर्मा, कृषि उपनिदेशक, कृषि विभाग, करौली