पैदल चलने से उन लोगों के चेहरों पर स्पष्ट थकावट झलक रही थी। उन्होंने बताया कि वह अलग-अलग स्थानों पर मजदूरी करते हैं, लेकिन अब मजदूरी बंद हो गई। ऐसे में उन्हें वहां परेशानी होने लगी तो पैदल ही चल दिए। अहमदाबाद काम करने वाले संजू सैनी, गुमान सैनी, दिल्ली में काम करने वाले धर्म सिंह आदि ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते उनका काम बंद हो गया। वे मार्बल फिटिंग, पॉलिशिंग व अन्य कार्य करते हैं।
लेकिन कोरोना वायरस के चलते उनका काम बंद हो गया और मकान मालिकों ने भी घर खाली करा लिए, जिससे उनके समक्ष मुश्किल खड़ी हो गई। इसके बाद वे करौली जिले में अपने गांवों के लिए बच्चों सहित रवाना हो गए। लॉक डाउन की वजह से बस, रेल सेवा बंद है। इसके कारण वे पैदल ही निकल पड़े। हालांकि रास्तों में कहीं-कहीं उन्हें ट्रक या अन्य वाहन मिले, तो उनमें बैठकर जैसे-तैसे करौली पहुंचे हैं। हालांकि रास्ते में कई जगह उन्हें लोगों ने खाने-पीने की व्यवस्था कर दी, जिससे भोजन की समस्या नहीं आई।
इधर दूसरे राज्यों से यहां लौट लोगों की जिला चिकित्सालय में स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान विभिन्न राज्यों से आए करीब 544 जनों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग वाले लोगों की संख्या अधिक होने से चिकित्सालय के बाहर सड़क तक कतार नजर आई। स्क्रीनिंग में 25 लोगों को संदिग्ध मानकर क्वारंटाइन व 5 को आइसोलेशन में रखने को सलाह दी है। वहीं 514 को होम क्वारंटाइन किया गया है।