सदस्यों ने भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलकर नोटिफिकेशन नहीं होने तक निरंतर प्रयास करने की गुहार लगाई। उन्होंने सांसद को अवगत कराया कि इस ईकोसेंसेटिव जोन के निर्धारण नहीं होने से हजारों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। दर्जनों खनन पट्टों में काम बंद हो गया है।
इससे करोड़ों रुपए की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो चुकी है। ऐसे में करौली क्षेत्र की रोजी-रोटी के लिए कैलादेवी अभयारण्य क्षेत्र का जोन निर्धारण आवश्यक है। खनन व्यवसायिों ने सांसद को बताया कि मुकंदरा अभ्यारण्य कोटा तथा कुंभलगढ़ राजसमंद के अभयारण्यों को ईएसजेड़ का नोटिफिकेशन हो चुका है।
इससे वहां का खनन व्यवसाय सुचारू रूप से चल रहा है। इस दौरान सांसद ने खनन व्यवसायियों को शीघ्र वन एवं पर्यावरण मंत्री से मुलाकात कर कैलादेवी अभयारण्य का नोटिफिकेशन कराने का भरोसा दिलाया। इस दौरान एसोसिएशन के मदनमोहन पचौरी, भूपेन्द्र भारद्वाज, पूरण प्रताप चतुर्वेदी, बबलू शुक्ला आदि मौजूद थे।