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करौली जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का नहीं सुधर रहा ढर्रा अब निरीक्षण में मिली यह स्थिति

करौली. बार-बार निरीक्षण और हिदायतों के बावजूद जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का ढर्रा पूरी तरह सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।

करौलीDec 05, 2020 / 10:05 pm

Dinesh sharma

करौली जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का नहीं सुधर रहा ढर्रा अब निरीक्षण में मिली यह स्थिति

करौली जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का नहीं सुधर रहा ढर्रा अब निरीक्षण में मिली यह स्थिति

करौली. बार-बार निरीक्षण और हिदायतों के बावजूद जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों का ढर्रा पूरी तरह सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन निरीक्षणों में कभी केन्द्र बंद मिलने तो कभी कार्मिकों के नदारद रहने की स्थिति सामने आ रही है। विभागीय अधिकारी कार्रवाई भी कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अपेक्षानुरूप सुधर नहीं रही।
इसी क्रम में शनिवार को महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रभाती लाल जाट ने मण्डरायल परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया तो आंगनबाड़ी केन्द्र बंद मिले। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार वितरण के रिकार्ड में अनियमितता मिली। इस पर उपनिदेशक ने मानदेय कर्मियों, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाइजर को नोटिस जारी किए हैं।
विभाग के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने बताया कि शनिवार को मण्डरायल परियोजना के आंगनबाड़ी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान गढ़ी का गांव, मण्डरायल प्रथम, तुलसीपुरा, घटली केन्द्र बंद पाए गए। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र घटली निरीक्षण में पोषण वाटिका विकसित नहीं होना पाया गया एवं आंगनबाड़ी केन्द्र जखोदा में माह मई से पोषाहार नहीं होना पाया गया। साथ ही पोषण वाटिका भी विकसित नहीं की गई। आंगनबाड़ी केन्द्र फिरोजपुर में सितम्बर माह के बाद पोषाहार नहीं होना एवं रिकार्ड अपूर्ण पाया गया।
वहीं पोषण वाटिका भी विकसित नहीं की गई।
इसी क्रम में बादलपुर द्वितीय केन्द्र के निरीक्षण में पोषण वाटिका में पेड़-पौधो की संख्या कम मिली। उन्होंने बताया कि संबंधित मानदेय कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर मानदेय सेवा से पृथक करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं परियोजना में नियमित पर्यवेक्षण नहीं करने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी जितेन्द्र जिंदल , पर्यवेक्षक देवेन्द्र मुदगल एवं शैलेन्द्र अगवाल के विरूद्ध 17 सीसीए के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। उपनिदेशक के अनुसार बाल विकास परियोजना अधिकारी जितेन्द्र जिंदल को गत शनिवार को मुख्यालय पर रहने एवं बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोडऩे की सूचना देने पर गत शनिवार को भी मुख्यालय पर नहीं मिले और 5 दिसम्बर को भी निरीक्षण के दौरान बिना अनुमति के मुख्यालय से अनुपस्थित पाए गए।
पर्यवेक्षक शैलेन्द्र अग्रवाल भी मुख्यालय पर नहीं मिले। दूरभाष पर सूचित करने पर दो घण्टे देरी से मुख्यालय पर उपस्थित हुए। निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम सहायक लेखराज अम्बेश भी साथ थे। गौरतलब है कि उपनिदेशक जाट द्वारा लगातार केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को जांचने के साथ दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी अनेक केन्द्रों पर स्थिति सुधर नहीं रही है।
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