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करौली

कोरोना के खिलाफ जंग में कर्म के साथ-साथ निभा रहे धर्म

करौली. कोरोना की जंग में मजबूत योद्धा की भूमिका निभा रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेशचन्द मीना को महामारी से जंग जीतने में अपने कर्म के साथ धर्म पर भी भरोसा है।

करौलीMay 09, 2021 / 12:38 pm

Dinesh sharma

कोरोना के खिलाफ जंग में कर्म के साथ-साथ निभा रहे धर्म

कोरोना के खिलाफ जंग में कर्म के साथ-साथ निभा रहे धर्म

करौली. कोरोना की जंग में मजबूत योद्धा की भूमिका निभा रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेशचन्द मीना को महामारी से जंग जीतने में अपने कर्म के साथ धर्म पर भी भरोसा है। यही वजह है कि जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दिन-रात व्यस्त रहने के बावजूद डॉ. मीना नियमित रूप से डेढ़ से दो घंटे इष्टदेव की पूजा और भजन में लगाते हैं।
उनके दिन की शुरूआत ही सुबह 4 बजे उठकर भजन-पूजन से होती है। असल में बीत करीब ढाई दशक से भजन और पूजा करना उनके जीवन का हिस्सा है। इसको उन्होंने कोरोना के दोनों दौर की लड़ाई में भी छोड़ा नहीं है। वे कहते हैं कि कर्म के साथ इष्ट देव की साधना से इस संकट काल में शक्ति मिलती है।
जिले में महावीरजी के पास कुंजैला गांव के निवासी 55 वर्षीय डॉ. दिनेश मीना शुरू से सात्विक और धार्मिक प्रवृति के रहे हैं। ज्यादातर सरकारी सेवाएं अपने आसपास के इलाके में की। बीते करीब सवा दो साल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पिछले कोरोना दौर में भी उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का मोर्चा संभाला था और अब फिर से इस जंग में जूझ रहे हैं। स्थिति यह है कि कामकाज के दबाव में उनके कई बार रात के 9 -10 तक बज जाते हैं। इसके बावजूद सोने और खाने से पहले वो अपने इष्टदेव की पूजा आरती करना नहीं भूलते।
दिनभर का यह रहता है कार्यक्रम
कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रेल माह में जिले में दिन-प्रतिदिन पैर पसारे, तो चिकित्सा विभाग की चिंताएं बढ़ गईं। ऐसे मेें विभागीय अधिकारी भी प्रबंधों में जुटे गए। चिकित्सा महकमे के कप्तान (सीएमएचओ) डॉ. दिनेशचन्द मीना, पूरी टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना महामारी की दूसरी लहर में अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
सीएमएचओ डॉ. दिनेश मीना से कोरोनाकाल के दौरान जब उनकी दिनचर्या को लेकर चर्चा की तो पता चला कि वे तड़के 4 बजे जागकर स्नान आदि कर भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद नाश्ता आदि करने के बाद 9 बजे तक ऑफिस पहुंच जाते हैं। कार्यालय पहुंचते ही दिनभर के कामकाज की प्लानिंग करते। साथ ही जिलेभर की व्यवस्थाओं की समीक्षा में जुटते हैं। जिला कलक्टर सहित उच्चाधिकारियों के निर्देशों की पालना को देखते हैं। वहीं फील्ड से आने वाली समस्याओं का निस्तारण। कोरोना को लेकर वैक्सीनेशन, आईएलआई सर्वे, सैम्पलिंग, आईएलआई किट वितरण आदि की समीक्षा के साथ करौली व हिण्डौन चिकित्सालयों के प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों से संपर्क करते हैं। जिसमें भर्ती रोगियों, ऑक्सीजन सहित अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा करते हैं।
पहली लहर में किए इंतजाम अब दे रहे सहारा
सीएमएचओ डॉ. मीना बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है, जिसमें कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है। इस पर नियंत्रण के लिए हमारे द्वारा नमूनों की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई। वे बताते हैं कि पहली लहर में चिंता ज्यादा थी, लोगों में जागरूकता भी अधिक थी और संक्रमण कम था। वहीं शहरी तुलना में ग्रामीण स्तर पर संक्रमण का फैलाव भी नहीं था, लेकिन दूसरी लहर में संक्रमण शहर से गांवों तक तेजी से फैला, जागरूकता का अभाव भी रहा।
अनेक लोगों ने गाइड लाइन की पालना के प्रति गंभीरता नहीं दशाई। हालांकि हमारे लिए राहत की बात यह है कि पहली लहर के दौरान अस्पतालों में जो चिकित्सा संसाधन जुटाए गए जैसे ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन बैड, पलंग आदि अब लोगों की जिंदगी बचाने में काम आ रहे हैं।

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