अध्यक्ष ने बोर्ड की आगामी प्लानिंग के सवाल के जवाब में कहा कि प्रमुख रूप से समाज के शैक्षणिक रूप से विकास करने, आर्थिक रूप से विकसित करने, मंदिरों की समस्याओं के समाधान, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने आदि को लेकर कार्य किया जाएगा।
सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज के अनेक विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनमें योग्यता तो है, लेकिन वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं, ऐसे में विप्र कल्याण बोर्ड की ओर से छात्रवृति के जरिए उनकी मदद की जाएगी।
जो बच्चे पढ़ाई के लिए गांव से दूर शहरों में जाते हैं, उनके लिए हॉस्टल की सुविधा के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि हॉस्टल के लिए भूमि, बजट आदि की प्रक्रिया में समय लगता है। ऐसे में जो बच्चे बाहर पढऩे जाएंगे, उनके लिए डीबीटी वाउचर योजना लागू करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा।
हालांकि ईडब्ल्यूएस में शामिल बालिकाओं के लिए प्रदेश के सातों संभाग मुख्यालयों पर इसी शिक्षा सत्र से हॉस्टल शुरू हो जाएंगे। इससे बालिकाओं को सुविधा मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने घोषणा भी कर दी है। इसके बाद जिला और तहसील स्तर पर हॉस्टल व्यवस्था को लेकर जाएंगे। अध्यक्ष शर्मा बोले कि विप्र कल्याण बोर्ड बनने के बाद संभाग मुख्यालय पर हॉस्टल की सुविधा बड़ी उपलब्धि है।