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करौली

बाढ़ के हालातों से नहीं सबक, हालात जस के तस, फिर झूमकर बरसे बदरा तो बारिश बन जाएगी आफत

करौली. जिला मुख्यालय के विभिन्न इलाकों विशेष रूप से निचले हिस्सों में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव की समस्या से जिम्मेदारों को सरोकार नहीं है।

करौलीJul 04, 2022 / 03:29 pm

Dinesh sharma

बाढ़ के हालातों से नहीं सबक, हालात जस के तस, फिर झूमकर बरसे बदरा तो बारिश बन जाएगी आफत

बाढ़ के हालातों से नहीं सबक, हालात जस के तस, फिर झूमकर बरसे बदरा तो बारिश बन जाएगी आफत,बाढ़ के हालातों से नहीं सबक, हालात जस के तस, फिर झूमकर बरसे बदरा तो बारिश बन जाएगी आफत,बाढ़ के हालातों से नहीं सबक, हालात जस के तस, फिर झूमकर बरसे बदरा तो बारिश बन जाएगी आफत

करौली. जिला मुख्यालय के विभिन्न इलाकों विशेष रूप से निचले हिस्सों में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव की समस्या से जिम्मेदारों को सरोकार नहीं है। शायद यही वजह है कि गत वर्षों में अतिवृष्टि के चलते बने बाढ़ के हालातों के बावजूद ऐसे इलाकों में जल निकासी के समुचित प्रबंधों की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया है। और तो और नालों की भी समुचित सफाई के प्रबंध अब तक नहीं हुए हैं। अब फिर मानसून का दौर शुरू हो गया है, जिससे लोग बारिश में आने वाली आफत से फिर भयभीत नजर आते हैं। इसे लेकर गत दिनों ऐसे प्रभावित इलाकों के लोगों ने जिला प्रशासन के समक्ष गुहार लगाते हुए समस्या समाधान की मांग भी की थी।

गौरतलब है कि वर्ष 2016 व 2021 में क्षेत्र में अतिवृष्टि के चलते, तीन दरवाजा क्षेत्र, वीर हनुमानजी क्षेत्र, राधेश्याम मैरिज गार्डन क्षेत्र, रामद्वारा के समीप बाढ़ के हालात बन गए थे। इसके चलते बारिश का पानी घर-दुकानों में भर गया और लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ा। उस दौरान नगरपरिषद ने पुलिया आदि को तोड़कर जैसे-तैसे पानी निकासी कराई। वहीं तत्कालीन जिला कलक्टर, उपजिला कलक्टर आदि अधिकारियों ने भी मौके का जायजा लेकर स्थिति देखी। उस दौरान सामने आया कि हाथीघटा पुलिया, वीर हनुमानजी के समीप की पुलिया, रामद्वारा के समीप की पुलिया से पूरी तरह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है, इसी वजह से इन इलाकों में जलभराव होकर बारिश आफत बनी। लेकिन बारिश गुजरने के बाद अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इसी प्रकार हाइवे किनारे स्थित गणेश कॉलोनी में भी जलभराव की समस्या लोग झेल रहे हैं, जहां भी पानी का निकास नहीं होने से कॉलोनी लबालब हो जाती है। गंदा पानी घरों तक में घुसता है। पिछले दिनों वीर हनुमान क्षेत्र के लोगों ने पुलिया से पानी की निकासी नहीं हो पाने से जलभराव की समस्या को लेकर दो बार कलक्टर को ज्ञापन भी सौंपे थे।
नालों की आधी-अधूरी सफाई
मानसून के सिर पर होने के बावजूद जिला मुख्यालय पर नालों की सफाई पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पाई है। जिला कलक्टर की ओर से मानसून से पूर्व नालों की सफाई के दिए गए आदेश की पालना में पिछले दिनों नगरपरिषद ने कुछ स्थानों पर नालों की सफाई का कार्य भी शुरू कराया, लेकिन अब तक सफाई आधी-अधूरी ही हुई है। नतीजतन वर्तमान में शहर के विभिन्न इलाकों में नालियों और नाले कीचड़ से अटे पड़े हैं। कहीं-कहीं तो स्थिति यह है कि नाले पूरे भर चुके हैं।

यह बोले लोग…
वीर हनुमानजी क्षेत्र में जलभराव की समस्या बनी हुई है। थोड़ी से बारिश होने पर ही रास्ता अवरुद्ध हो जाता है। असल में वीर हनुमानजी के आगे की पुलिया करीब दो फीट ऊंचाई पर है, जिससे पानी आगे नहीं बढ़ पाता। नगरपरिषद नाला सफाई कराती है तो कचरे को सड़क से उठाया ही नहीं जाता, जिससे वह वापस नाले में जाता है। प्रशासन समस्या का समाधान कराए।
अनिलकुमार गुप्ता, वीर हनुमानजी क्षेत्र
हाथीघटा हाइवे की पुलिया के बनने के बाद से जलभराव की समस्या हुई है। पानी का आगे निकास नहीं हो पाता और वापस आकर सड़क, घरों में भर जाता है। 2016 में बाढ़ के हालात बने तो क्षेत्र के घरों में पानी भर गया। इससे नुकसान भी हुआ। पुलिया से पानी निकासी हो जाए तो समस्या का समाधान हो सकेगा।
साबुद्दीन, निवासी वीर हनुमानजी क्षेत्र
जब से हाइवे का निर्माण हुआ है, कॉलोनी में पानी भरने की समस्या उपजी है। बारिश में एक से दो फीट तक पानी भरा रहता है, जिससे मक्खी-मच्छर पनपने से बीमारी की आशंका रहती है। वहीं बच्चों-महिलाओं का निकलना मुश्किल हो जाता है। नगरपरिषद में कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
सुभाषचन्द शर्मा, गणेश नगर
हाइवे के नाले ब्लॉक हैं, सीवर लाइन भी चॉक पड़ी है, नतीजतन पानी आगे जाने के बजाए कॉलोनी में भर जाता है। बारिश के दौरान स्थिति और खराब होती है। रास्ता निकलने को भी जगह नहीं बचती। गंदे पानी के कारण बीमारी फैलने का भी अंदेशा बना रहता है। कई बार जिला प्रशासन और नगरपरिषद अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
अशोक कुमार गुप्ता, गणेश नगर
इनका कहना है…..
पहले जलभराव की समस्या का कारण हाथीघटा पुलिया के आगे अतिक्रमण होना था। जिससे पानी आगे नहीं बढ़ पाया। वहां पर पक्की बाउंड्रीबॉल होने से पानी रुका था, जिन्हें कलक्टर के निर्देश पर हटवा दिया गया। पुलिया भी सही कराई गई है। शहर के अधिकांश नालों की भी सफाई करा दी है, कहीं कोई रहा है तो उसे भी कराया जाएगा।
नरसी मीना, आयुक्त, नगरपरिषद, करौली

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