कथा व्यास ने कृष्ण की माखन चोरी, ग्वाल-वालों के साथ गेंद खेलना, गोपियों के वस्त्र चुराना, काली नाग का मान मर्दन करना, पूतना वध सहित अनेक लीलाओं का विस्तार से वर्णन कर श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया। इस अवसर पर पांडाल राधा-कृष्ण व वृंदावन बिहारी लाल के जयकारों से गंूज उठा। कथा के बीच में आयोजित भजनों पर श्रद्धालुओं ने भाव-विभोर होकर नृत्य किया।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भागवताचार्य को राधा-कृष्ण की तस्वीर भेंट की व अन्त में भागवतकथा की आरती की गई। कथा में पंडित गोपाल लाल शर्मा लेदिया वाले, अशोक शर्मा, पंडित बलि शर्मा, प्रदीप शर्मा, बद्री पटेल, मूडया पटेल, राजन मीना आदि मौजूद थे।