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करौली जिले में दवाओं के टोटे से इसलिए जूझ रही हैं केसीएसएस की दुकानें…

करौली. जिले में संचालित हो रही क्रय-विक्रय सहकारी समिति की दवा दुकानों पर पर्याप्त दवाओं में बजट का रोड़ा बना हुआ है। पिछले कई माह से क्रय-विक्रय सहकारी समिति को दवाओं का भुगतान नहीं मिला है। ऐसे में उसके द्वारा दवा दुकानों का संचालन भी मुश्किलभरा हो रहा है।

करौलीJun 22, 2019 / 06:07 pm

Dinesh sharma

karauli hindi news

करौली जिले में दवाओं के टोटे से इसलिए जूझ रही हैं केसीएसएस की दुकानें…

करौली. जिले में संचालित हो रही क्रय-विक्रय सहकारी समिति की दवा दुकानों पर पर्याप्त दवाओं में बजट का रोड़ा बना हुआ है। पिछले कई माह से क्रय-विक्रय सहकारी समिति को दवाओं का भुगतान नहीं मिला है। ऐसे में उसके द्वारा दवा दुकानों का संचालन भी मुश्किलभरा हो रहा है।
केवीएसएस की ओर से होलसेलर फर्मों से दवाएं उधार भी लेनी पड़ रही हैं। करीब डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि होने से अब बड़ी फर्मों (होलसेलर) द्वारा भी पर्याप्त मात्रा में दवाओं की आपूर्ति करने में हाथ खड़े किए जा रहे हैं। इसके चलते क्रय विक्रय सहकारी समिति की दवा दुकानों पर पर्याप्त दवा भी नहीं मिल पा रही हैं।
गौरतलब है कि पेंशनर्स को पेंशनर डायरी पर दवा उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने जिले में केवीएसएस को अनुबंधित किया हुआ है, जिनके जरिए करौली जिला चिकित्सालय सहित हिण्डौन, टोडाभीम, नादौती आदि के अस्पतालों में दवा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन करीब तीन माह से सभी जगह की केवीएसएस को भुगतान नहीं मिला है।
सूत्रों के अनुसार करौली मुख्यालय पर संचालित दवा दुकान के ही लगभग ६० लाख रुपए की बकाया है। कमोबेश यही स्थिति हिण्डौनसिटी है। वहीं टोडाभीम में भी करीब २० लाख रुपए की बकाया राशि चल रही है। नादौती में भी राशि का भुगतान बकाया है।
नहीं मिलती पूरी दवा
सूत्र बताते हैं कि केवीएसएस को भुगतान नहीं मिल पाने के कारण परेशानी आ रही है। दवा दुकानों के लिए बाहर के फर्मों से दवाई मंगाते हैं, लेकिन पूरा भुगतान नहीं कर पाने से वहां से पूरी दवा भी नहीं आ पाती। केवीएसएस सूत्र बताते हैं कि होलसेलर से उधारी में दवा लेना मजबूरी हो गई है। लेकिन कई बार मांग के अनुसार दवा नहीं आने की स्थिति में पेंशनरों को एनएसी देनी पड़ती है और पेंशनर निजी दुकानों से दवा खरीदने को मजबूर होते हैं।
पूरी दवा नहीं मिल पाती
सामान्य चिकित्सालय में संचालित केवीएसएस की दवा दुकान पर कुछ दवा मिल जाती हैं, कुछ नहीं मिल पाती। पूरी दवा नहीं मिल पाने पर एनएसी लेनी पड़ती है।
दिनेशचन्द चतुर्वेदी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान पेंशनर मंच, करौली
बकाया है भुगतान
मार्च माह से अब तक का लगभग ६० लाख का भुगतान बकाया है। कोष कार्यालय से बजट का अभाव बताया गया है। भुगतान नहीं मिलने से होलसेलर से उधारी में दवा मंगानी पड़ती है। लेकिन लम्बा समय होने से होलसेलर भी नानुकर करते हैं। इससे परेशानी तो आ रही है।
अवतार मीना, मैनेजर क्रय-विक्रय सहकारी समिति, करौली

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