सूत्र बताते हैं कि केवीएसएस को भुगतान नहीं मिल पाने के कारण परेशानी आ रही है। दवा दुकानों के लिए बाहर के फर्मों से दवाई मंगाते हैं, लेकिन पूरा भुगतान नहीं कर पाने से वहां से पूरी दवा भी नहीं आ पाती। केवीएसएस सूत्र बताते हैं कि होलसेलर से उधारी में दवा लेना मजबूरी हो गई है। लेकिन कई बार मांग के अनुसार दवा नहीं आने की स्थिति में पेंशनरों को एनएसी देनी पड़ती है और पेंशनर निजी दुकानों से दवा खरीदने को मजबूर होते हैं।
सामान्य चिकित्सालय में संचालित केवीएसएस की दवा दुकान पर कुछ दवा मिल जाती हैं, कुछ नहीं मिल पाती। पूरी दवा नहीं मिल पाने पर एनएसी लेनी पड़ती है।
दिनेशचन्द चतुर्वेदी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान पेंशनर मंच, करौली
मार्च माह से अब तक का लगभग ६० लाख का भुगतान बकाया है। कोष कार्यालय से बजट का अभाव बताया गया है। भुगतान नहीं मिलने से होलसेलर से उधारी में दवा मंगानी पड़ती है। लेकिन लम्बा समय होने से होलसेलर भी नानुकर करते हैं। इससे परेशानी तो आ रही है।
अवतार मीना, मैनेजर क्रय-विक्रय सहकारी समिति, करौली