पुलिस के अनुसार वमनपुरा गांव निवासी प्रेमसिंह जाटव ने प्राथमिकी में बताया कि बुधवार तडके वह पत्नी हेमा को प्रसव के लिए शीतला चौराहा के पास स्थिति नर्सिंग होम में लाया था। प्रसव के दौरान सुबह नवजात शिशु का मृत्यु हो गई। कुछ घंटे बाद प्रसूता की भी मृत्यु हो गई। पहले नवजात और बाद में प्रसूता की मौत होने परिजन गुस्सा गए। मामले में मृतका के पति की ओर से प्राथमिकी दर्ज होने पर पुलिस शीतल चौराहा के पास स्थित नर्सिंग होम पहुंच गई। लेकिन परिजन प्रसूता को शव को नर्सिंग होम से उठाने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में देर रात के शव वार्ड के पलंग रखा रहा।
छह बेटियों पर हुआ था पुत्र
मृतका के पति प्रेमसिंह ने बताया कि गर्भकाल के दौरान उसने पत्नी का उपचार नर्सिंग होम में ही कराया। सीजेरियन प्रसव से पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया था। छह बेटियों के बाद पुत्र के जन्म से परिजनों में खुशी छा गई, लेकिन कुछ घंटे बाद नवजात की मौत हो गई।परिजनों कहना है कि महिला का यह छठवां प्रसव था। इससे पूर्व दो जुड़वा सहित छह पुत्रियां हैं।
पहले बच्चा और फिर प्रसूता की मौत के मामले में हंगामे की आशंका में देर रात तक पुलिस नर्सिंगहोम पर तैनात रही। इस दौरान परिजन उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगा नर्सिंगहोम कर्मियों को कोसते रहे। कोतवाली थाना प्रभारी हेमेंद्रसिंह, एएसआई पृथ्वीसिंह, सहित कई सहायक उपनिरीक्षक शव के मोर्चरी में पहुंचाने तक नर्सिंग होम पर डटे रहे।