खत्म हो रहीं हैं पौराणिक परम्पराएं… धार्मिक कार्यकम अयोजन को मिले छूट
Mythological traditions are coming to an end… Relaxation for religious programs सीएलजी की बैठक में अधिकारियों के सामने प्रबुद्धजनों ने लगाई गुहार
खत्म हो रहीं हैं पौराणिक परम्पराएं… धार्मिक कार्यकम अयोजन को मिले छूट
हिण्डौनसिटी. पहले कवि सम्मेलन और पशु मेला बंद और अब रामलीला और रावण दहन पर प्रतिबंध। हिरण्यकश्यप की नगरी के नाम से ख्यात हिण्डौन शहर में पुरातन काल से चली आ रहीं परम्पराएं धीरे-धीरे दम तोड़ रहीं हैं। इससे सामाजिक संस्कृति के साथ ही जनमानस की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रहीं है। सोमवार शाम को पंचायत समिति सभागार में हुई शांति एवं समन्वय समिति की बैठक में नगर के प्रबुद्ध नागरिकों ने यह दर्द पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के सामने बताया।
बैठक में अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक सुरेश जैफ, एसडीएम अनूप सिंह व डीएसपी किशोरी लाल ने धारा 144 का हवाला देते हुए आयोजनों पर रोक लगी होने की बात कही। उन्होंने देवी मां की शोभायात्राओं से लेकर अन्य आयोजनों में डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध की बात बताई। अधिकारियों ने कहा कि सभी धर्मों और समाजों के लोग आपस में मिलजुल कर त्यौहारों को मनाएं। बैठक में ईआरसीपी के मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने जनप्रनिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े हुए आयोजनों को लेकर छूट देनी चाहिए थी। पुलिस और प्रशासन चाहता तो, धारा 144 की पालना सुनिश्चित कराते हुए शांति एवं सद्भाव से धार्मिक आयोजन संभव हो सकते थे। व्यवसाई अर्जुन गेरा ने कहा कि कसाईपाडा में अवैध बूचडख़ाने में पशुवध होता है, और वहां से नालियों के जरिए कटरा बाजार में रक्तजमा हो जाता है। जिससे दुकानदारों के साथ ही ग्राहकों को भी परेशानी होती है। पूर्व उपसभापति नफीस अहमद, पूर्व पार्षद गोपेन्द्र पावटा, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष हरीशंकर वशिष्ठ, जयप्रकाश पाठक, रिन्की गुम्बर, महिला कांग्रेस की मंडल अध्यक्ष गीतारानी शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष लज्जा रानी अग्रवाल, महिला कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष नीलम सोबती ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान कोतवाली थाना प्रभारी गिर्राज प्रसाद, नई मंडी थानाप्रभारी बृजेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।
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