बंध बारेठा अभयारण में शामिल करने का विरोध
अभयारण्य में शामिल करने का विरोधजनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का लगाया आरोपकरौली जिले में मासलपुर वन क्षेत्र को बंध बारेठा वन्य जीव अभयारण्य में शामिल करने का विरोध बढ़ता जा रहा है। बुधवार को सागर सरोवर तट पर सर्व समाज की महापंचायत में दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने सरकार के निर्णय का विरोध जताया। जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों का सहयोग नहीं करने पर ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि वन क्षेत्र को वन्य जीव अभयारण्य में हटाने में सहयोग नहीं करने पर किसी दल के नेता को क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा।
बंध बारेठा अभयारण में शामिल करने का विरोध
अभयारण्य में शामिल करने का विरोध
जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का लगाया आरोप
करौली जिले में मासलपुर वन क्षेत्र को बंध बारेठा वन्य जीव अभयारण्य में शामिल करने का विरोध बढ़ता जा रहा है। मामले में बुधवार को सागर सरोवर तट पर सर्व समाज की महापंचायत में दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया।
इस मामले में जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों का सहयोग नहीं करने पर रोष भी व्यक्त किया गया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि वन क्षेत्र को वन्य जीव अभयारण्य में हटाने में सहयोग नहीं करने पर किसी भी दल के नेता को क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा। तथा वन विभाग का सहयोग भी वे नहीं करेंगे।
महापंचायत में वक्ताओं ने मासलपुर वन क्षेत्र के चार वनखण्डों को बंध बारेठा वन्य जीव अभयारण्य में सम्मिलित करने पर राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। सुबह से हो रही बारिश के बावजूद काफी लोग महापंचायत में पहुंचे। तेज बारिश के दौरान भी खुले आसमान के नीचे पंचायत जारी रही। बारिश में लोग भीगते रहे।
महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि वन्य जीव अभयारण्य बनने से करीब 125 गांवों के लोगों को विस्थापित होना पड़ेगा। ग्रामीणों को जीवनयापन में काफी समस्या का सामना करना पड़ेगा। महापंचायत में पूर्व आईपीएस परमाल सिंह खटाना ने कहा कि सरकार को क्षेत्र की जनभावना के अनुरूप अपना फैसला बदल कर मासलपुर वन क्षेत्र को वन्य जीव अभयारण्य में से हटाना चाहिए। कांग्रेस नेता अनीता मीणा ने कहा कि यह मामला ग्रामीणों के जीवन से जुड़ा है। इसलिए वे हमेशा उनके साथ खड़ी रहेंगी। महापंचायत में भाजपा नेता अशोक पाठक, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष शरदो गुर्जर, धीरेन्द्र बैंसला, पूर्व उप प्रधान सियाराम गुर्जर, हाकिम सिंह, बहादुर सिंह ताली, बटरू गुर्जर समेत करीब 1 दर्जन वक्ताओं ने संबोधित किया।
गौरतलब है, कि बंध बारेठा वन्य जीव अभयारण्य में से बयाना व रूपवास वन क्षेत्र को हटा कर मासलपुर वन क्षेत्र के पहाड़ ताली, मेवला, बांसवाड़ी, जमूरा व टिमकोली वन क्षेत्र को शामिल किया गया है। इससे लोगों में रोष है।
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