प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों में काम करने वाले अनुज्ञापत्रधारी हम्मालों व पल्लेदारों की सहायता के लिए राज्य सरकार ने 11 अप्रेल 2015 से महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना-2015 शुरू की थी। इसके तहत कृषि उपज मंडी समिति को प्रत्येक पंजीकृत पल्लेदार व हम्माल के लिए एक हजार रुपए वार्षिक अंशदान राशि उपलब्ध करानी होगी।
मंडी में काम करने वाले अनुज्ञापत्रधारी हम्माल या पल्लेदार को अपनी एक पुत्री की शादी करने पर 50 हजार रुपए की सहायता देने का प्रावधान है। अनुज्ञापत्रधारी हमाल को अधिकतम दो बेटियों के लिए 1 लाख रुपए की सहायता राशि दी जा सकेगी।
महिला अनुज्ञापत्रधारी हम्माल व पल्लेदार को अधिकतम दो प्रसव के लिए राज्य सरकार द्वारा अकुशल श्रमिक के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर अनुसार 45 दिवस की मजदूरी के समतुल्य सहायता राशि दी जाएगी। पितृत्व अवकाश के रूप में शिशु के हम्माल पिता को सरकार द्वारा अकुशल श्रमिक के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर अनुसार 15 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि भुगतान देय होगा। इसी प्रकार गंभीर बीमारी(कैंसर, हार्टअटेक, लीवर, किडनी आदि से सम्बन्धित) होने की दशा में सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती रहने पर चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति अधिकतम 20 हजार तक की जाएगी।
महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना में पंजीकृत हम्मालों व पल्लेदारों के मेधावी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान भी है। दसवीं,स्नातक व स्नातकोत्तर परीक्षा में मेधावी छात्रों को एक मुश्त छात्रवृत्ति का प्रावधान है।
17 को जारी किए लाइसेंस-
कुछ दिन पहले जानकारी मिली कि मंडी में एक भी हमाल या पल्लेदार का लाइसेंस नहीं बना हुआ है। इसे गंभीरता से लेते हुए मंडी में तुलाई का काम करने वाले सभी मजदूरों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए कहा। मजदूरों ने आवेदन किए तो हमने पहले चरण में 17 लाइसेंस जारी कर दिए हैं। लाइसेंसधारी हम्मालों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
–राजेश कर्दम, सचिव कृषि उपज मंडी समिति, हिण्डौनसिटी।